नई दिल्ली: दवा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने लोगों और कोविड-19 के मरीजों को ऐसे एजेंट्स से सावधान रहने को कहा है जो 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2डीजी) के नाम पर बाजार में फर्जी दवा बेच रहे हैं।
कंपनी का कहना है कि 2डीजी को जून के मध्य में कमर्शियली लॉन्च किया जाएगा।
इस दवा को डीआरडीओ और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने मिलकर विकसित किया है।
देश में कोरोना के मरीजों के लिए इसके एमरजेंसी यूज को मंजूरी दी गई है।
हैदराबाद की कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने एक एडवाइजरी में कहा कि 2डीजी को अभी मार्केट में लॉन्च नहीं किया गया है और इसकी कीमत भी अभी घोषित नहीं हुई है।
कंपनी ने कहा कि इसकी कीमत की घोषणा जल्दी की जाएगी।
लोगों को 2डीजी दवा के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फर्जी मेसेज से बचकर रहना चाहिए।
2डीजी को डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज बना रही है। यह दवा सैशे के रूप में उपलब्ध है।
जैसे आप ओआरएस या ईनो को पानी में घोलकर पीते हैं, वैसे ही इसे भी पानी में मिलाकर ले सकेंगे।
कोविड मरीजों को पूरी तरह ठीक होने के लिए इस दवा की दो डोज 5 से 7 दिन तक देनी पड़ सकती है।
माना जा रहा है कि इस दवा का एक सैशे 2डीजी 500 से 600 रुपये के बीच मिलेगा। सोमवार को इसका सॉफ्ट लॉन्च किया गया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि 2डीजी को परंपरागत तौर पर कैंसर की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
यह ग्लाइकोसिस की प्रक्रिया को रोकती है। यह ऐसी प्रक्रिया है जिससे कोशिकाएं ग्लूकोज को तोड़ती हैं।
इससे वायरस को अपनी संख्या बढ़ाने और फैलने के लिए एनर्जी मिलती है।
यह दवा इस प्रक्रिया को रोकती है जिससे यह कोविड-19 के इलाज में काफी मददगार साबित हो सकती है।
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के इलाज में इसके व्यापक इस्तेमाल के लिए और क्लिनिकल ट्रायल की जरूरत है।