नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान मिले डेल्टा वेरिएंट से मिलता जुलता एक म्यूटेशन डिटेक्ट हुआ है जिसे डेल्टा प्लस कहा गया है।
मंत्रालय के अनुसार, मार्च से यूरोप में यह वेरिएंट दिखा है और फिलहाल चिंता का विषय नहीं है। इसे देश के बाहर पाया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि वेरिएंट को लेकर ऐसा कोई तरीका नहीं है कि यह आगे से न आए, रूप न बदले।
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि कोरोना के केस कम होने के साथ साथ अनलॉकिंग की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है लेकिन अनलॉकिंग की प्रक्रिया के दौरान अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाना बेहद जरूरी है।
डेल्टा वेरिएंट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह ओरिजनल वेरिएंट नहीं है लेकिन यह बेहद संक्रामक वायरस है। यह 2020 से ज्यादा चालाक वायरस है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि उम्र के हिसाब से दोनों कोरोना वेव में कोरोना संक्रमण में ज्यादा बदलाव नही है।
21 से 30 उम्र में पहले संक्रमण की दर 21.21% थी जो सेकंड वेव में 22.48% रही। इसी तरह 1 से 10 उम्र के पहले संक्रमण की दर 3.28% थी जो सेकंड वेव में 3.05% रही।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने अब तक 26.05 करोड़ कोरोना टीके लगाए जा चुके हैं। 18 से 44 वर्ष की उम्र के लोगों को 4.53 करोड़ डोज लगे हैं।