कोलकाता: नंदीग्राम में मतगणना में लगाए गए धांधली के आरोपों की जांच संबंधी याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा की अदालत में ही होगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी की आपत्ति के बावजूद मामले को दूसरी अदालत में शिफ्ट नहीं किया गया है।
गुरुवार को न्यायमूर्ति चंद्रा की अदालत में सुनवाई के लिए मामले को लंबित कर दिया गया है, जिससे स्पष्ट है कि पार्टी की आपत्ति को हाईकोर्ट ने तत्काल महत्व नहीं दिया है।
दरअसल, नंदीग्राम में भाजपा नेता और ममता के पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को एक हजार, 957 वोटों से हराया है।
इसके बाद ममता बनर्जी ने दावा किया है कि मतगणना के दौरान धांधली की गई थी और गणना अधिकारी को शुभेंदु अधिकारी और उनके अन्य सहयोगियों ने धमकी दी थी। पुनः मतगणना की मांग पर ममता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।
इसके पहले सुनवाई में न्यायमूर्ति चंद्रा ने कहा था कि नियमानुसार याचिका लगाने वाले को कोर्ट में मौजूद रहना पड़ता है।
क्या मुख्यमंत्री कोर्ट में हाजिर होंगी? इसके बाद मुख्यमंत्री ने न्यायमूर्ति की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा किया था और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर तृणमूल ने दावा किया था कि न्यायाधीश भाजपा के आदमी हैं।
उसके बाद तृणमूल की ओर से एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें नंदीग्राम मामले को दूसरे न्यायाधीश की अदालत में शिफ्ट करने की अपील की गई है। हालांकि कोर्ट की ओर से इसे महत्व नहीं दिया गया है।