नई दिल्ली: कोरोना की 2-डीजी दवा के इस्तेमाल को लेकर डीआरडीओ की तरफ से कहा गया है कि 2 डीजी दवा वैसे मरीज को दी जाती है जो डॉक्टर की देखरेख में हो और डॉक्टर ने यह दवा देने को कहा हो। यह दवा अधिकतम 10 दिनों के लिए दी जाती है।
डीआरडीओ ने कहा है कि अनियंत्रित डायबिटिज, गंभीर हृदय रोगी, श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और लीवर, किडनी के गंभीर रोगियों को 2-डीजी दवा अब तक नहीं दी गयी है। इसलिए उन्हें यह दवा देने में सावधानी बरती जानी चाहिए।
डीआरडीओ ने स्पष्ट किया है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के मरीजों को भी 2-डीजी दवा नहीं दिया जाना चाहिए।
ओरल दवा 2डीजी का निर्माण डीआरडीओ ने डॉ रेड्डी दवा कंपनी के सहयोग से किया है। आठ मई को इसे लॉन्च किया गया था। इसे कोरोना के मरीजों के लिए रामबाण माना जा रहा है।
यह दवा ग्लूकोज की तरह घोलकर मरीज को दिन में दो बार दी जाती है।
यह दवा कोरोना वायरस को मरीज के शरीर में अपनी संख्या बढ़ाने से रोकता है, जिसकी वजह से मरीज के शरीर में आक्सीजन की कमी नहीं होती और वह जल्द रिकवरी करता है।