नई दिल्ली: तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने धीरे-धीरे आंदोलन तेज करना शुरु कर दिया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 22 जुलाई को 200 किसानों का एक दल संसद के पास जाकर धरना देगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार अगर तीनों कृषि कानूनों पर बातचीत करना चाहती है तो किसान बातचीत को तैयार हैं।
टिकैत ने कहा कि सरकार अपने शर्तों पर बातचीत करना चाहती है। यह बात किसानों को मंजूर नहीं है अगर सरकार खुले मन से किसानों से बात करना चाहती है तो शर्त न रखे।
टिकैत ने कहा कि उनके बारे में एक अफवाह फैलाई जा रही है कि उन्होंने तीनों कृषि कानूनों के मुद्दे को यूएन में उठाने की बात कही है। टिकैत ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है यह खबर निराधार है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने साफ कहा था कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। यह कानून किसी हाल में वापस नहीं लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा था कि कानून के जिन प्रावधानों से किसान व किसान संगठनों को समस्या है। वो सरकार से बातचीत करें। समाधान निकाला जाएगा।मंत्री ने किसानों से आंदोलन खत्म करने का अनुरोध भी किया था।
वहीं किसान नेताओं ने भी साफ कहा था कि जब तक कानून वापस नहीं होगा वो अपने घरों को वापस नहीं जाएंगे। जिसके बाद से हरियाणा सहित उत्तर प्रदेश में किसानों को आंदोलन तेज करते देखा जा रहा है।