नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार तीनों कृषि कानूनों के मुद्दे पर बातचीत को तैयार नहीं है। ऐसे में किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
टिकैत ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संसद का मानसून सत्र शुरु हो रहा है। ऐसे में अब किसान संसद की ओर कूंच करेंगे।
उन्होंने कहा कि 22 जुलाई से संसद के पास हर दिन 200 की संख्या में किसान जाएंगे वहां तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करेंगे।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने भी एक बयान जारी कर कहा कि 22 जुलाई से लेकर संसद के मानसून सत्र के अंत तक संसद के बाहर किसान प्रदर्शन करेंगे।
मोर्चे ने अपने बयान में कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे सुदूर राज्यों से किसान और नेता विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं।
यहां विरोध की योजना बनाई जाएगी और उसे व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम दिया जाएगा। जिसमें 200 किसान प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।
मोर्चे ने साफ कहा कि किसानों को विरोध करने से रोकने का कोई भी प्रयास अवैध और असंवैधानिक होगा।
उल्लेखनीय है कि आज केन्द्रीय कृषि मंत्री ने एक कार्यक्रम में साफ कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं।
इन कानूनों के माध्यम से सरकार किसानों को शोषण से बचाने व उनकी आमदनी को बढ़ाना चाहती है।