लंदन/नई दिल्ली: विश्व के सात विकसित देशों के संगठन जी7 के शीर्ष नेताओं की तीन दिवसीय शिखर वार्ता शुक्रवार को ब्रिटेन के समुद्री रिसोर्ट कार्बिस बे बिच में शुरू हुई।
शिखर वार्ता का मुख्य एजेंडा कोरोना महामारी से निपटने के उपाय, वैक्सीन की उपलब्धता और उसके वितरण, वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त करने तथा महामारी के बाद विश्व अर्थव्यवस्था को फिर से सक्रिय बनाने पर केंद्रित है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की मेजबानी में हो रही बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और इटली के प्रधानमंत्री भाग ले रहे हैं।
इसके अलावा यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष भी शिखर वार्ता में शिरकत कर रहे हैं।
मेजबान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शिखर वार्ता में विशेष अतिथि के तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को भी आमंत्रित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार और रविवार को जी7 की विस्तृत बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लेंगे।
कोरोना महामारी के कारण जी7 के नेता करीब दो साल बाद एक साथ आपस में मिल रहे हैं। शिखर वार्ता में कोरोना महामारी विचार विमर्श का केंद्रीय विषय रहेगी।
महामारी से निपटने के लिए दुनिया के अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के बारे में शिखर वार्ता में ठोस निर्णय लिए जाने की संभावना है।
जी7 के नेताओं के सामने अन्य देशों को एक अरब वैक्सीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। इनमें से 50 करोड़ वैक्सीन अमेरिका और 10 करोड़ वैक्सीन ब्रिटेन देगा। जी7 के अन्य देश भी इसमें योगदान करेंगे।
शिखर वार्ता से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि वे कोरोना वैक्सीन को पेटेंट नियमों से अस्थाई रूप से छूट दिए जाने के संबंध में प्रस्ताव रखेंगे। उन्हें आशा है कि अन्य देश इसका समर्थन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पिछले वर्ष अक्टूबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन में प्रस्ताव पेश किया था कि कोरोना वैक्सीन को बौद्धिक संपदा नियमों से छूट दी जाए।
इस प्रस्ताव का अमेरिका ने समर्थन किया था। डब्ल्यूटीओ इस पर लिखित दस्तावेज के आधार पर बिंदुवार विचार करने पर सहमत हो गया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने वैक्सीन निर्माण के काम में आने वाले कच्चे माल की उपलब्धता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि कच्चा माल न मिल पाने के कारण भारत की वैक्सीन कंपनियों को पूर्ण क्षमता हासिल करने में बाधा आ रही है।
उन्होंने पुणे स्थित सिरम इंस्टीट्यूट के वैक्सीन उत्पादन में आ रही रुकावट का विशेष रूप से उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि कच्चे माल के निर्यात पर लगी रोक को हटाया जाना चाहिए ताकि भारत में पर्याप्त रूप से वैक्सीन का उत्पादन हो सके तथा तथा अफ्रीका सहित अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध हो सके।
शिखर वार्ता शुरू होने के पहले जी7 के सातों नेताओं और यूरोपीय संघ के दो पदाधिकारियों ने समुद्र के किनारे पारिवारिक फोटो खिंचवाई। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला ने शिखर वार्ता के एजेंडे के बारे में कहा कि अगले तीन दिनों के दौरान हम विश्व अर्थव्यवस्था की बहाली, स्वास्थ्य, जलवायु विकास और सुरक्षा मामलों पर विचार विमर्श करेंगे।