नई दिल्ली: देश की इकलौती त्रि-स्तरीय अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) में 03 अगस्त को पोर्ट ब्लेयर पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल के साथ अंडमान और निकोबार कमान का संयुक्त सेवा साइकिल अभियान डिगलीपुर में समाप्त हो गया।
साइकिल चालकों ने पांच दिनों से अधिक समय तक 350 किलोमीटर की दूरी तय की। अभियान का समापन स्पोर्ट्स स्टेडियम, डिगलीपुर में किया गया।
इसके बाद मशाल को समुद्र में 60 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद लैंडफॉल द्वीप के तट पर ले जाया गया है।
पाकिस्तान से ’71 के युद्ध में जीत के 50 साल पूरे होने पर भारत स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है।
भारत की जीत मेंं युद्ध नायकों के बलिदान का संदेश देश द्वीप तटों तक फैलाने के लिए ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ 03 अगस्त को देश की इकलौती त्रि-स्तरीय अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) में पोर्ट ब्लेयर पहुंची थी।
विक्ट्री फ्लेम को पोर्ट ब्लेयर, मायाबंदर, बाराटांग, डिगलीपुर, हटबे, कार निकोबार और कैंपबेल बे शहरों में ले जाया गया है जहां स्थानीय रक्षा प्रतिष्ठानों ने अगवानी की है।
इस दौरान विभिन्न स्टेशनों पर युद्ध के दिग्गजों, पूर्व सैनिकों, वीर नारियों के साथ बातचीत, मनोरंजन कार्यक्रम, साइकिल अभियान जैसे विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं।
मशाल को समुद्र में 60 किमी. की दूरी तय करने के बाद लैंडफॉल द्वीप ले जाया गया
इसी क्रम में स्वर्णिम विजय मशाल के साथ अंडमान और निकोबार कमान ने संयुक्त सेवा साइकिल अभियान चलाया जो पांच दिनों से अधिक समय तक 350 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद डिगलीपुर के स्पोर्ट्स स्टेडियम में समाप्त हुआ।
स्टेडियम में भारतीय नौसेना पोत कोहासा के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन सतीश मिश्रा ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ विक्ट्री फ्लेम की अगवानी की।
इसके बाद स्वर्णिम विजय मशाल को डिगलीपुर और आसपास के गांवों एरियल बे, दुर्गापुर, शिबपुर और कालीपुर में प्रमुख सड़कों से ले जाया गया।
इस दौरान स्वर्णिम विजय मशाल के महत्व और पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध पर प्रकाश डालने वाले पोस्टर और बैनर निवासियों के बीच वितरित किए गए।
भारतीय नौसेना लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (आईएन एलसीयू) 58, आईएनएस सरयू और आईएन एलसीयू 54 के साथ मशाल डिगलीपुर से रवाना हुई और समुद्र में 60 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद लैंडफॉल द्वीप के तट पर पहुंच गई।
लैंडफॉल द्वीप अंडमान और निकोबार द्वीप श्रृंखला का सबसे उत्तरी द्वीप है। देश के सबसे दक्षिणी बिंदु पर यहां बैरेन आइलैंड, भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी और इंदिरा पॉइंट है।
स्वर्णिम विजय मशाल अंडमान और निकोबार द्वीपों में समुद्री यात्रा के दौरान और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के भौगोलिक छोर से गुजरेगी।
इस कार्यक्रम में उत्तरी अंडमान के सहायक आयुक्त शैलेंद्र कुमार और डीएसपी डिगलीपुर आरके शर्मा ने भाग लिया।