नई दिल्ली: अगस्त से दिसबंर के बीच प्याज की बढ़ती कीमत (Onion Price Rising) के इस दौरान प्याज अपनी बढ़ती कीमतों से आम लोगों के साथ-साथ सरकार को भी आंसू रुलाने लगती है।
इसीलिए इसकी कीमत अप्रत्याशित तरीके से न बढ़े इसके लिए सरकार ने प्याज को लेकर प्लान तैयार किया है। पहले से ही प्याज की खरीदारी और स्टॉक बढ़ाना चालू है।
सरकार ने वर्ष 2022-23 में बफर स्टॉक (Buffer Stock) बनाने के लिए किसानों से 2.5 लाख टन प्याज की खरीद की है और प्याज की खुदरा कीमतें बढ़ने पर वह बाजार में दखल देगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में प्याज का उत्पादन तीन करोड़ 17 लाख टन होने का अनुमान है जबकि एक साल पहले यह दो करोड़ 66.4 लाख टन था।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय (Ministry of Food and Consumer Affairs) ने कहा कि पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए केंद्र ने वर्ष 2022-23 में बफर स्टॉक (Buffer Stock) के लिए 2.50 लाख टन प्याज की खरीद की है।
चालू वर्ष में प्याज के बफर स्टॉक का आकार 2021-22 के दौरान बनाए गए 2 लाख टन से 50 हजार टन अधिक है।
वर्तमान रबी फसल प्याज की खरीद भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में किसानों के किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के माध्यम से की गई है।
स्टॉक को लक्षित खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से किया जाएगा जारी
मंत्रालय ने कहा कि स्टॉक (Stock) को लक्षित खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से जारी किया जाएगा और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों और सरकारी एजेंसियों को खुदरा दुकानों के माध्यम से कम आपूर्ति वाले दिनों (अगस्त-दिसंबर) के दौरान कीमतों को कम करने के लिए दी जाएगी।
खुले बाजार में बिक्री उन राज्यों एवं शहरों की ओर लक्षित की जाएगी जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही हैं। हर साल ऐसा होता है कि अगस्त से दिसंबर के बीच प्याज के भाव (Onion Price) आसमान छूने लगते हैं।
यह शादियों का भी सीजन होता है लिहाजा मांग लगातार बनी रहती है और सप्लाई कम हो जाती है। इसलिए कीमत भी बढ़ जाती है।