नई दिल्ली: सरकार का कहना है कि सार्वजनिक संवाद माध्यमों के लिए बने नए आईटी नियम 2017 में सुप्रीम कोर्ट के गोपनीयता संबंधी फैसले का उल्लंघन नहीं करते हैं।
गोपनीयता हर नागरिक का बुनियादी अधिकार है और सरकार की इसमें हस्तक्षेप की कोई मंशा नहीं है।
व्हाट्सएप मंगलवार को नए आईटी नियमों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
इसी को देखते हुए बुधवार को सरकार की ओर से स्पष्टीकरण आया है।
केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने गोपनीयता संबंधी फैसले में इस अधिकार की तर्कसंगत सीमाओं का जिक्र किया है।
सरकार का कहना है कि नए आईटी नियमों से व्हाट्सएप का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा और आम उपयोगकर्ताओं का इसपर कोई असर नहीं होने जा रहा है।
नए आईटी नियम तर्कसंगत सीमाओं को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।
साथ ही सरकार किसी संदेश के स्रोत का पता लगाने के लिए इन्हें अंतिम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करेगी।
दूसरी ओर व्हाट्सएप ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि नए नियमों से उसके उपयोगकर्ताओं का गोपनीयता संबंधी अधिकार प्रभावित होगा।
नए नियम के तहत हमें हर संदेश को एक फिंगरप्रिंट देना होगा और यह एक से दूसरे तक गुप्त संदेश पहुंचाने और गोपनीयता के अधिकार की नीति के खिलाफ है।
साथ ही उसने यह भी कहा है कि वह सरकार के साथ मिलकर इसका व्यावहारिक समाधान भी खोज रही है।