हमारे सब्र का इम्तिहान न ले सरकार, दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों की चेतावनी

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नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार बात करे और किसानों के सब्र का इम्तेहान न ले।

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में सरकार पर अमानवीय व्यवहार के आरोप लगाए हैं।

संगठन ने कहा आंदोलन में 470 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। कईको अपनी नौकरियां, पढ़ाई एवं दूसरे काम छोड़ने पड़े।

लेकिन सरकार अमानवीय एवं लापरवाह रूख दिखा रही है।

बयान में कहा गया है, ‘सरकार अगर अपने किसानों की चिंता करती और उनका कल्याण चाहती तो उसे किसानों से वार्ता शुरू करनी चाहिए और उनकी मांगें माननी चाहिए।

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दिल्ली की सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर किसान लंबे समय से विरोध जता रहे हैं।

इनमें से ज्यादातर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।

राजधानी में बुधवार को हुई बारिश को लेकर संगठन ने कहा ‘बारिश की वजह से खाने और रहने के लिहाज से हालात अस्त-व्यस्त हो गए हैं।

धरना स्थल के कई हिस्सों में सड़कें बारिश के पानी से भर गई हैं।

संगठन ने दावा किया है कि बीते 6 महीने से किसान बगैर सरकारी सुविधाओं और मदद के इन हालातों का सामना कर रहे हैं।

किसान केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि कानूनों से नाराज हैं।

वे लगातार इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।

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