CM Mamta had written a Letter to PM Modi Appealing : कोलकाता में जूनियर डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में चौतरफा आलोचना झेल रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने PM मोदी को पत्र लिखा है।
ममता ने पत्र में अपील की है कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए इसतरह के मामलों में सुनवाई अधिकतम 15 दिनों के अंदर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में हर दिन रेप के 90 मामले सामने आते हैं, यह बेहद भयावह स्थिति है।
दरिंदगी की घटना पर घिरी ममता ने PM मोदी को लिखे पत्र में देश में महिलाओं के प्रति बढ़ती घटनाओं की तरफ ध्यान खींचते हुए लिखा है कि इन अपराधों को रोकने के लिए केंद्रीय कानून लाने की जरूरत है, ताकि इसतरह के अपराधों में शामिल व्यक्तियों को कठोर सजा दिलाई जा सके।
दरअसल, ममता सरकार को मामले में स्वत: संज्ञान लेने वाले Supreme Court ने भी कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार की P;olice के रवैये पर भी कई सवाल उठाए। खासकर FIR में देरी और मौका-ए-वारदात पर हजारों की भीड़ कैसे जुट गई थी? सुबूतों की सुरक्षा क्यों नहीं कराई गई?
सुप्रीम कोर्ट में वकील बताते हैं कि जब चार्जशीट फाइल की जाएगी तब चार्जशीट, उसके साथ जुटाए गए सारे सुबूत आरोपी को मुहैया कराया जाएगा। भारतीय दंड संहिता की धारा 207 में यह नियम था।
आरोपी से कहा जाता है कि वह यह देख ले कि सारे डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध हैं या नहीं। उसके राजी होने के बाद केस की Charge sheet court में फाइल होती है। अगर, ये मामले पॉक्सो का मैटर नहीं है, तब सबसे पहले मजिस्ट्रेट के पास चार्जशीट फाइल होगी। इसके बाद वह इस मामले का ट्रायल करने के लिए उसे सेशन कोर्ट को रेफर करेगा, जहां इसकी सुनवाई होगी।