नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की याचिका पर सुनवाई 12 जुलाई तक के लिए टाल दी है।
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा था कि वह एलोपैथी के बारे में अपना वह बयान रिकॉर्ड पर रखें जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं।
बाबा रामदेव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से पटना और रायपुर में दर्ज एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है।
रायपुर में बाबा रामदेव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 और 504 के तहत केस दर्ज किया गया है। आईएमए ने अपनी शिकायत में कहा है कि रामदेव ने गलत जानकारी फैलाई है।
आईएमए का आरोप है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बाबा रामदेव ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के प्रति आम लोगों के मन में भ्रम पैदा किया है और अविश्वास बढ़ाया है। इससे डॉक्टरों की भावनाएं आहत हुईं।
पिछले 3 जुलाई को दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बाबा रामदेव की याचिका का विरोध किया है।
याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव को कोई भी राहत नही दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि रामदेव ने एलोपैथी की छवि इसलिए खराब की ताकि वे अपनी दवा कोरोनिल को प्रमोट कर सकें।