Defamation case Related to Rahul: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi को राहत देते हुए एक मजिस्ट्रेट का वह आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक कार्यकर्ता को उसकी लंबित आपराधिक मानहानि शिकायत में नये और अतिरिक्त दस्तावेज जमा कराने की अनुमति दी गई थी।
RSS कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में भिवंडी में मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस नेता ने एक भाषण के दौरान झूठा और अपमानजनक बयान दिया था कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ जिम्मेदार है।
मजिस्ट्रेट अदालत ने 2023 में कुंटे को राहुल गांधी के भाषण की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने की अनुमति दी। राहुल का भाषण 2014 में दायर उनकी उस याचिका का हिस्सा था, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की थी।
कांग्रेस नेता ने मजिस्ट्रेट के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की एकल पीठ ने कांग्रेस नेता की याचिका मंजूर कर ली।
अदालत ने कहा, ‘‘याचिका स्वीकार की जाती है। विवादित आदेश और तदनुरूप दस्तावेज प्रदर्शित करने के आदेश को रद्द तथा खारिज किया जाता है….।’’
न्यायमूर्ति चव्हाण ने मजिस्ट्रेट को मुकदमे को शीघ्रता से निपटाने का निर्देश दिया तथा दोनों पक्षों से सहयोग करने को कहा।
Rahul Gandhi ने अपनी याचिका में दावा किया कि 2021 में उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ ने कुंटे को मामले में कोई भी नया दस्तावेज जमा करने की इजाजत नहीं दी थी। हालांकि, इसके बावजूद मजिस्ट्रेट ने शिकायत के हिस्से के रूप में दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कुंटे को इस स्तर पर नये दस्तावेज प्रस्तुत करने की अनुमति देने वाला मजिस्ट्रेट का आदेश ‘पूरी तरह से अवैध और पूर्वाग्रही’ है।