नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोनिल दवाई को लेकर किए जा रहे दावे पर रोक लगाने की मांग करनेवाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) की याचिका पर सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया है।
जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया संगठनों को भी नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की ओर से वकील राजीव दत्ता ने कहा कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रूप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है।
तब कोर्ट ने कहा कि आप लोगों को कोरोना का इलाज ढूंढ़ने की जगह कोर्ट में समय बर्बाद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये डॉक्टरों के अधिकार का मामला है। उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है। वे मेडिकल सायंस को चुनौती दे रहे हैं।
तब कोर्ट ने पूछा कि क्या आपने वीडियो क्लिप दिया है। तब दत्ता ने कहा कि हमने वेबसाइट का लिंक दिया है।
तब कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक डाउनलोड किए जा सकते हैं। मैं ये कैसे जानता हूं कि वे सही हैं या गलत। केवल ट्रांसक्रिप्ट देने से नहीं होगा आप वीडियो क्लिप दीजिए।
दत्ता ने कहा कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा को कोरोना की दवा के रूप में प्रचारित किया।
बाब ने कहा कि कोरोनिल का मृत्यु-दर शून्य फीसदी है। तब कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक के साथ दिक्कत है कि कल उसे हटाया जा सकता है। वे अस्थायी हैं।
आप वीडियो क्लिप दाखिल कीजिए। तब दत्ता ने कहा कि हम वीडियो क्लिप दाखिल करेंगे। मंत्रालय ने भी बाबा रामदेव के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए कहा।
तब कोर्ट ने पूछा कि इससे आपदा प्रबंधन अधिनियम कैसे प्रभावित होती है।
बाबा ने जो गलत बोला है उसे बताइए। तब कोर्ट मानेगा कि उससे लोगों का नुकसान हुआ है। तब दत्ता ने कई बयानों को कोर्ट के सामने रखा।
तब कोर्ट ने पूछा कि किस प्लेटफार्म पर बयान है, ट्विटर पर या प्रेस में, तब दत्ता ने कहा कि पूरी मीडिया में।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है।
बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान किया था, जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था। आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था।
पिछले 01 जून को देशभर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था।