नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली सरकार संशोधन अधिनियम को चुनौती देनेवाली एक और याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र को 23 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
यह याचिका आम आदमी पार्टी के सदस्य नीरज शर्मा ने दायर की है।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील मेघन, नकुल बसोया और मोहम्मद शुजा फैसल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन अधिनियम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार बिना राज्यपाल की सहमति के अपने अधिकार क्षेत्र के हर फैसले ले सकती है और उसे लागू कर सकती है।
हाईकोर्ट में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन अधिनियम को चुनौती देनेवाली दो और याचिकाएं पहले ही दायर की जा चुकी हैं।
जो याचिकाएं दायर की गई हैं उनमें एक याचिका विश्वनाथ अग्रवाल ने जबकि दूसरी लॉ स्टूडेंट श्रीकांत प्रसाद ने दायर किया है।
इन दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से 4 जून तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन अधिनियम के तहत धारा 21 में कहा है कि दिल्ली सरकार का मतलब उप-राज्यपाल है।
इस संशोधन की धारा 3 के तहत उप-राज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी गई हैं।