नई दिल्ली/कोलकाता/ओडिशा: बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान यास ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में भीषण तांडव मचाया है।
पश्चिम बंगाल में एक करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि तीन लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
बंगाल में दो लोगों की मौत हुई है। ओडिशा में भी दो लोगों के मरने की खबर है, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
ओडिशा के तटवर्ती जिले भद्रक और बालेश्वर जिले में सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
ओडिशा और बंगाल के तटों से टकराने के बाद चक्रवात कमजोर पड़ गया है और इसके आज मध्य रात्रि तक झारखंड की ओर रुख करने का अनुमान है।
खास बात यह है कि चक्रवात यास ने हाल में अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान ताउते से प्रभावित राज्य केरल में भी कहर बरपाया है।
ओडिशा के भद्रक और बालेश्वर में सर्वाधिक नुकसान
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने बताया कि तटवर्ती जिले भद्रक और बालेश्वर में सर्वाधिक नुकसान हुआ है, जबकि केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों मेें कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।
राज्य सरकार नुकसान का आकलन कर रही है। उन्होंने बताया कि बालेश्वर और केंदुझर जिले में दो लोगों की पेड़ गिरने से मौत होने की सूचना मिली है।
संबंधित जिला प्रशासन इसकी जांच कर रहा है।
उन्होंने बताया कि तूफान के प्रभाव में बिजली की अव संरचना को विशेष नुकसान नहीं हुआ है।
टेलीकाम के अव संरचना को भी अधिक नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन बालेश्वर के निलगिरि इलाके में और मयुरभंज जिले में बड़ी संख्या में पेड गिरे हैं।
ज्वार के कारण बाहनगा, रेमुणा, बालेश्वर सदर और धामरा इलाके के कुछ गांव में समुद्र का पानी घुस गया है।
उत्तर पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ रहा है तूफान यास
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) की शाम पांच बजे की बुलेटिन के मुताबिक तूफान यास तटों से टकराने के बाद उत्तर पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
तूफान के प्रभाव से उत्तर ओडिशा में लगातार बारिश हो रही है। बुढाबलंग नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
नदी का जलस्तर बढ़ने से मयुरभंज और बालेश्वर जिले में बाढ़ की आशंका है।
बाढ की आशंका के मद्देनजर निचले इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि बालेश्वर के दक्षिण में 20 किमी दूर 10.30 से 11.30 बजे के बीच यास ने तट को पार किया।
इस दौरान हवा की गति 130 से 150 किमी प्रति घंटे रही। आज देर रात्रि में यह कमजोर पड़ने के बाद झारखंड में प्रवेश करेगा।
बंगाल में एक करोड़ से अधिक लोग प्रभावित
चक्रवात यास ने तटों से टकराने के बाद पूर्व मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना एवं राजधानी कोलकाता के आंशिक इलाके में तांडव मचाया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुताबिक एक करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और तीन लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
15,04,500 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। 14 हजार बांध टूट गए हैं।
राहत सामग्री के लिए 10 लाख तिरपाल, कपड़ा, चावल आदि भेजा गया है।
बंगाल में बड़ी संख्या में नदी बांध टूटे हैं और कृषि संपदा और फसल की व्यापक क्षति हुई हैं।
समुद्र का पानी घुस जाने के कारण खेती नष्ट हो गई है।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने चक्रवात के बाद आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने सभी प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
एनडीआरएफ की 45 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगीं
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के मुताबिक राहत और बचाव कार्य में 45 टीमें लगी हुई हैं।
इसके अलावा सेना की टुकड़ी भी राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई है।
कोलकाता में कई जगहों पर पेड़ गिरे हैं। इन्हें हटाने का काम नगर निगम की ओर से शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री बनर्जी ने बताया कि वह शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना के सागर से होते हुए हिंगलगंज और उसके बाद दीघा का हवाई सर्वेक्षण करेंगी।
राज्य के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी ने बताया कि सचिवालय में मिल रही शिकायतों के आधार पर लगातार लोगों की मदद की जा रही है।
बंगाल में चक्रवात की वजह से हवाई अड्डे पर विमानों को जंजीरों से बांधकर रखा गया है।
इसके अलावा स्टेशन और यार्ड में खड़ी ट्रेनों को भी पटरी पर बांधकर रखा गया है।
बुधवार दोपहर लैंडफाल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे तेज हवाओं की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हुई है।
‘यास’ का असर केरल में भी
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान ’यास’ का असर हाल ही में अरब सागर में उठे ‘ताउते’ से प्रभावित क्षेत्रों में भी दिख रहा है।
केरल के कई हिस्सों में भी तेज बारिश और तूफान की स्थिति बनी हुई है।
खराब मौसम और तेज आंधी के बीच विझिंजम, त्रिवेंद्रम के तट से दूर कई नावें समुद्र में डूब गईं हैं जिसमें सवार मछुआरे भी लापता हो गए हैं।
इंडियन कोस्ट गार्ड ने खोज और बचाव कार्य शुरू करके 6 मछुआरों को बचा लिया है।
कोस्ट गार्ड ने अपने विमानों, इंटरसेप्टर क्राफ्ट और जहाजों को इस अभियान में लगाया है।
केरल के तटों पर गहरे समुद्र से मछुआरों को वापस बुला लिया गया है।
पांच नावें पलटने से मछुआरे लापता
खराब मौसम और तेज आंधी के बीच विझिंजम, त्रिवेंद्रम के तट से दूर 25 मई की रात को मछली पकड़ने वाली 5 छोटी नावें समुद्र में पलट गईं।
इन नावों में सवार मछुआरे भी लापता हो गए हैं। इंडियन कोस्ट गार्ड ने खोज और बचाव कार्य शुरू करके पलटी हुई नावों से 6 मछुआरों को बचाया है।
एक मछुआरे को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी लापता मछुआरों की खोज के लिए आईसीजी के डोर्नियर विमान विझिंजम क्षेत्र में उड़ान भर रहे हैं।
अब इस अभियान में इंटरसेप्टर क्राफ्ट सी-441 और सी-427 के साथ आईसीजी का जहाज अभिनव भी शामिल हो गया है।