देश में तेजी से बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएं, पुरुष 4 प्रतिशत से ज्यादा…

देश में स्टूडेंट्स की आत्महत्या (Suicide) का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCBR) के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में स्टूडेंट्स ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की। राजस्थान का कोटा आत्महत्या के मामलों में हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन इस रिपोर्ट में वह 10वें स्थान पर है।

Digital Desk

Incidents of Suicide are Increasing Rapidly: देश में स्टूडेंट्स की आत्महत्या (Suicide) का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCBR) के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में स्टूडेंट्स ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की। राजस्थान का कोटा आत्महत्या के मामलों में हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन इस रिपोर्ट में वह 10वें स्थान पर है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां देश में कुल आत्महत्या के केस में सालाना 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, वहीं छात्र आत्महत्या के मामलों में यह वृद्धि 4 प्रतिशत से ज्यादा है। ये हालात तब हैं जब स्टूडेंट्स की आत्महत्या की पुलिस में रिपोर्ट कम दर्ज कराई जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, पिछले दो दशकों में छात्र आत्महत्याएं 4 प्रतिशत की चिंताजनक वार्षिक दर से बढ़ी हैं, जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी हैं। 2022 में कुल Students की आत्महत्याओं में छात्रों की हिस्सेदारी 53 प्रतिशत थी।

2021 और 2022 के बीच छात्र आत्महत्याओं में 6 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि छात्राओं की आत्महत्या में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्टूडेंट्स की आत्महत्या की घटनाएं जनसंख्या वृद्धि दर और कुल आत्महत्या ट्रेंड, दोनों को पार कर रही हैं।

पिछले दशक में 0-24 वर्ष के बच्चों की आबादी 582 मिलियन से घटकर 581 मिलियन हो गई, जबकि स्टूडेंट्स आत्महत्या की संख्या 6,654 से बढ़ कर 13,044 तक हो गई है।