मुंबई: महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री पर लगाए गए भ्रष्ट्राचार के आरोपों की जांच नासिक क्राईम ब्रांच पुलिस ने शुर कर दिया है।
नासिक जिले के पुलिस आयुक्त ने मामले की रिपोर्ट 1 जून तक पेश करने का आदेश दिया है। इस जांच रिपोर्ट के बाद परिवहन मंत्री अनिल परब पर मामला दर्ज किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार नासिक जिले एसटी महामंडल के निलंबित वाहन निरीक्षक गजेंद्र तानाजी पाटिल ने परिवहन मंत्री अनिल परब, एसटी विभाग के अधिकारी बजरंग खरमाटे, परिवहन विभाग के उपसचिव प्रकाश साबले पर तबादले में भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए 16 मई को पंचवटी पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी थी।
पंचवटी पुलिस स्टेशन ने इस मामले में शिकायतकर्ता से संपर्क किया ,लेकिन शिकायतकर्ता ने जांच में सहयोग नहीं दिया था।
मंत्री पर आरोप होने की वजह से पंचवटी पुलिस स्टेशन ने पूरा मामला पुलिस आयुक्त दीपक पांडे के समक्ष रखा। दीपक पांडे ने मामले की जांच की जिम्मेदारी नासिक क्राईम ब्रांच को सौंपा है और 1 जून तक जांच रिपोर्ट आने पर तथ्यों के आधार पर अगली कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
दीपक पांडे ने कहा है कि भले ही शिकायतकर्ता जांच में सहयोग नहीं दे रहा है, फिर भी यह आरोप गंभीर हैं और मामले की छानबीन जरूरी है। अनिल परब के अनुसार वे शिकायतकर्ता को नहीं जानते।
साथ ही वह निलंबित कर्मचारी है। इसी वजह से उसने कुंठित होकर इस तरह का झूठा व बेबुनियाद आरोप लगाया है।
मामले की छानबीन के बाद दूध का दूध व पानी का पानी खुद ही बाहर आ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुंबई के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का आरोप लगाया था।
इस मामले की छानबीन जारी है। इस तरह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दो सहयोगी मंत्रियों पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लग चुके है।