औरंगाबाद: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि जेएएम (जनधन-आधार-मोबाइल) ट्रिनिटी भारत के लिए एक गेम चेंजर रहा है, जो उन्हें भविष्य में वित्तीय समावेशन प्रारूप को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
औरंगाबाद में आयोजित मंथन कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, वित्तीय रूप से बहिष्कृत लोगों को आगे लाकर, बचत करके और वास्तविक लाभार्थियों को सरकारी लाभ वितरित करके, नागरिकों को उनके बैंक लेनदेन पर एसएमएस अपडेट प्रदान करके जेएमएम ट्रिनिटी ने हमारी बैंकिंग को पूरी तरह से एक अलग स्तर पर पहुंचा दिया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्पष्ट कहना है कि जेएएम ट्रिनिटी का उपयोग करके किसी के लिए बिना किसी असुविधा के वित्तीय समावेशन बेहतर तरीके से हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, जेएएम ट्रिनिटी भारत जैसे देश के लिए एक गेम चेंजर है, यह भविष्यवादी है और सबका साथ, सबका विकास, सब का विश्वास के दर्शन को छू गया है।
इसका उद्देश्य कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है, दूर-दराज व अछूते इलाकों में और मुख्यधारा से दूर लोगों को बिना किसी भेदभाव के लाभ पहुंचाना है।
सीतारमण ने कहा कि पीएमजेडीवाई खातों ने सरकार को सभी तक पहुंचने में मदद की, भले ही खाते शून्य शेष खाते थे।
यहां तक कि जो लोग मुख्यधारा में आने से हिचकिचाते थे, उन्हें भी उनके खाते खोलने, रुपे कार्डो के वितरण और बीमा कवर के साथ लाया गया और उन्हें विश्वास दिलाया गया।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान जनधन द्वारा लाया गया वित्तीय समावेश महत्वपूर्ण है।
जनधन के कारण ही कई लोगों और छोटे व्यवसायों को जमानत-मुक्त ऋण मिला है।
सीतारमण ने कहा, आधार लिंकेज ने देश को बहुत अधिक चोरी से बचाया है। इस माध्यम से सरकार वास्तविक लाभार्थियों तक पैसा पहुंचाने में सक्षम हुई है।
बैंक खातों की आधार सीडिंग ने हमें तत्काल केवाईसी लाभ दिया। इससे लाभार्थियों को सीधे उनके जन धन और केवाईसी-सत्यापित खातों में लाभ मिल रहा है।
वहीं, वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने सभा को संबोधित करते हुए सरकार के वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों द्वारा लाए गए परिवर्तन पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बैंकरों से उन आकांक्षी जिलों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा, जो अभी तक वित्तीय समावेशन लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं।
कराड ने यह भी उल्लेख किया कि मुद्रा ऋण को और अधिक परेशानी मुक्त और उन लोगों के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया जाएगा जो व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
इस समय भारत में पीएमजेडीवाई के तहत 43.23 करोड़ लाभार्थियों के खाते हैं। केंद्र ने हाल के वर्षो में त्वरित, सुरक्षित और न्यायसंगत बैंकिंग की सुविधा के लिए स्वदेशी प्लेटफार्मो की एक श्रृंखला शुरू की है।
उदाहरण के लिए, भीम यूपीआई एप्लिकेशन अब भारतीय बाजार का एक सर्वोत्कृष्ट घटक है।
इसने हाल ही में वित्तीय लेनदेन के लिए इंटरनेट की जरूरत को कम करने के लिए ई-आरयूपीआई वाउचर सुविधा भी शुरू की है।
औरंगाबाद में मंथन सम्मेलन का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से वित्तीय समावेशन के सरकार के लक्ष्य को आगे बढ़ाना है।