51th CJI Sanjeev Khanna : जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) को राष्ट्रपति Draupadi Murmu ने आज सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में मुख्य न्यायाधीश (CJI) के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण (Oath Taking) करने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश (51th CJI) बन गए हैं।
गौरतलब है कि जस्टिस खन्ना ने रविवार को सेवानिवृत्त हुए जस्टिस DY चंद्रचूड़ की जगह ली। जस्टिस खन्ना का मुख्य न्यायाधीश के पद पर 13 मई, 2025 तक कार्यकाल रहेगा।
बताते चलें जस्टिस खन्ना चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) योजना खत्म करने और अनुच्छेद 370 (Article 370) निरस्त करने जैसे ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
जानिए कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना ?
जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को Delhi में हुआ था और लॉ की पढ़ाई उन्होंने DU के कैंपस लॉ सेंटर से की।
उन्हें 2004 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्ति मिली और 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट में एडहॉक जज बने। बाद में उन्हें स्थायी जज नियुक्त कर दिया गया। उ
न्होंने Delhi High Court में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र के तौर पर कई आपराधिक मामलों में बहस भी की थी।
आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर भी उनका कार्यकाल लंबा रहा।
वह दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश रहे जस्टिस देवराज खन्ना के पुत्र और सर्वोच्च न्यायालय के जाने-माने पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एचआर खन्ना के भतीजे हैं।
उनके चाचा जस्टिस एचआर खन्ना 1976 में आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर मामले में असहमतिपूर्ण फैसला लिखने के बाद इस्तीफा देकर सुर्खियों में रहे थे।
कई महत्वपूर्ण फैसलों का रह चुके हैं हिस्सा
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहते संजीव खन्ना कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे।
० जस्टिस खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 26 अप्रैल को EVM में हेरफेर के संदेह को निराधार करार दिया और पुरानी पेपर बैलेट प्रणाली पर वापस लौटने की मांग को खारिज कर दिया।
० जस्टिस खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा।
० जस्टिस खन्ना की पीठ ने ही पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को आबकारी नीति घोटाले के मामलों में लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी थी।