नई दिल्ली: महाराष्ट्र कॉडर के 1988 बैच के आईएएस अफसर अपूर्व चंद्र ने सोमवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव की जिम्मेदारी संभाल ली।
आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग करने वाले अपूर्व चंद्र केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्य का अनुभव रखते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का सचिव बनने से पहले अपूर्व चंद्र एक अक्टूबर, 2020 से श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।
खास बात है कि उन्हें सितंबर, 2020 में संसद से पारित लेबर कोड को शीघ्रता से लागू करने की जिम्मेदारी दी गयी थी।
उनके मार्गदर्शन में व्यापक विचार-विमर्श के बाद चारों लेबर कोड के लिए नियम बनाए गए थे।
23,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ औपचारिक क्षेत्र में 78.5 लाख श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना भी उनकी निगरानी में शुरू की गई है।
अपूर्व चंद्र ने एक दिसम्बर, 2017 से रक्षा मंत्रालय में महानिदेशक (अधिग्रहण) के रूप में भी कार्य किया है।
उन्हें अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाकर भारतीय सशस्त्र बलों को मजबूत करने का कार्यभार सौंपा गया था।
उनकी कार्य-अवधि के दौरान एस-400 मिसाइल प्रणाली, मल्टी रोल हेलीकॉप्टर, असॉल्ट राइफल्स, नेवल शिप, टी-90 टैंक आदि जैसे कई प्रमुख अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए।
नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया का मसौदा तैयार करने वाली समिति के वे अध्यक्ष थे।
अपूर्व चंद्र ने 2013 से 2017 के बीच चार वर्षों से अधिक समय के लिए महाराष्ट्र सरकार में प्रधान सचिव (उद्योग) के रूप में कार्य किया है।
इस अवधि में एफडीआई और अन्य निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र देश में सबसे आगे रहा।
नए निवेशों को आकर्षित करने, इलेक्ट्रॉनिक नीति, खुदरा नीति, एकल खिड़की नीति जैसी कई नई नीतियों के निर्माण में श्री चंद्रा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
श्री चंद्रा के नेतृत्व में दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) के तहत पहले स्मार्ट औद्योगिक उपनगर के संचालन की शुरूआत महाराष्ट्र के औरंगाबाद में की गयी थी।
अपूर्व चंद्र, भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सात साल से अधिक समय तक रहे हैं।
वे उद्योगों को ईंधन आपूर्ति, लोजिस्टिक्स, परिवहन तथा ईंधन उत्पादों के वितरण व भंडारण आदि के संबंध में नीति निर्माण प्रक्रिया में शामिल रहे हैं।
वे प्राकृतिक गैस परिवहन अवसंरचना, शहर में गैस वितरण के लिए कंपनियों की स्थापना, एलएनजी इम्पोर्ट टर्मिनल और उद्योगों को गैस के आवंटन आदि कार्यों से सीधे तौर पर जुड़े रहे हैं।
चंद्र महारत्न पीएसयू, गेल (इंडिया) लिमिटेड और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के निदेशक मंडल में भी रह चुके हैं।