नई दिल्ली: अफगानिस्तान छोड़ने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी बुधवार की रात पहली बार दुनिया के सामने आए और वतन छोड़ने की वजह बताई।
उन पर लग रहे कई आरोपों के बीच अफगानिस्तान छोड़ने के चौथे दिन बुधवार को देर रात अशरफ गनी पहली बार सबके सामने आए और अपना वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मैं देश छोड़कर नहीं आता तो कत्लेआम हो जाता, खून-खराबा होता। मैं देश में ऐसा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मुझे हटना पड़ा।
उन्होंने पैसे लेकर भागने के आरोपों को भी खारिज किया। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो गया है।
पैसे लेकर भागने के आरोपों पर भी अशरफ गनी ने सफाई दी कि ये आरोप बेबुनियाद हैं। मैं देश के पैसे लेकर नहीं आया हूं। मैं शांति से सत्ता सौंपना चाहता था। अफगानिस्तान छोड़कर मैंने अपने मुल्क के लोगों को खूनी जंग से बचाया है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से दूर हूं। सुरक्षा अधिकारियों की सलाह के बाद ही मैंने यह कदम उठाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयानों पर गनी ने कहा कि हम तालिबान से बातचीत कर रहे थे, लेकिन यह बेनतीजा रही।
उन्होंने सेना और अधिकारियों को धन्यवाद भी किया। बता दें कि अशरफ गनी 15 अगस्त को अफगानिस्तान से भाग गए थे। अशरफ गनी वतन वापसी को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
अफगानिस्तान के नाम संदेश में अशरफ गनी ने कहा कि उन्हें उनकी इच्छा के खिलाफ देश से बेदखल किया गया। भगोड़ा कहने वालों को उनके बारे में जानकारी नहीं है।
अशरफ गनी ने कहा कि सुरक्षा वजहों से मैं अफगानिस्तान से दूर हूं। अगर मैं वहां रहता तो काबुल में कत्लेआम मच जाता। किसी अनहोनी से बचने के लिए मैंने देश छोड़ा है।
इसलिए जो मुझे नहीं जानते हैं वो फैसला ना सुनाएं। इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कहा है कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी उनके देश में हैं।
यूएई ने कहा कि उसने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया है।
तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे। यूएई की सरकारी समाचार समिति ने बुधवार को अपनी एक खबर में यह जानकारी दी।
हालांकि उसने यह नहीं बताया कि गनी देश में कहां हैं। इसमें देश के विदेश मंत्रालय के एक लाइन वाले बयान को उद्धत किया गया है।