मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल के दो दिवसीय मानसून सत्र के पहले ही दिन सोमवार को विधानसभा के पीठासीन अध्यक्ष भास्कर जाधव ने मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 12 सदस्यों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है।
भाजपा सदस्यों पर यह कार्रवाई गाली गलौच के आरोप में की गई है। इस कार्रवाई को नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने लोकतंत्र की हत्या बताया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बहुमत के बल पर भाजपा का संख्याबल कम करने का प्रयास किया है।
इतना कहने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सभी सदस्यों के साथ सदन का बहिर्गमन किया।
विधानसभा में मंत्री छगन भुजबल ने स्थानीय निकाय में ओबीसी आरक्षण के लिए प्रस्ताव लाया था।
उस समय भाजपा सदस्यों ने जोरदार शोरशराबा किया था। उस समय अध्यक्ष के आसन पर भास्कर जाधव विराजमान थे।
सदन में शोरशराब होता देख भास्कर जाधव ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में भाजपा विधायकों ने पीठासीन अध्यक्ष भास्कर जाधव के साथ गाली गलौच किया।
इसके बाद भास्कर जाधव ने सदन को बताया कि उनके साथ भाजपा विधायकों ने गाली गलौच किया था।
इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने भाजपा सदस्यों संजय कुटे, गिरीश महाजन, अभिमन्यू पवार, अतुल भातखलकर, आशीष शेलार, पराग अलवणी, जयकुमार गोरे, योगेश सागर, हरीश पिंगले, नारायण कुचे, राम सातपुते और किर्ती कुमार को एक साल तक के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसको सामान्य बहुमत से ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इस पर नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कहा कि सदन और विधानसभा परिसर में आज जो हुआ, वह इससे पहले भी हो चुका है लेकिन आज राज्य सरकार ने भाजपा सदस्यों की संख्याबल कम करने के लिए निलंबित की यह कार्रवाई की है। इसका भाजपा विरोध करती है और सदन से बहिर्गमन कर रही है।