गोरखपुर: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया।
इस अवसर पर देश की प्रथम महिला सविता कोविंद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि मौजूद रहे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने इस अवसर पर कहा कि पिछले दौरे के दौरान हमने 10 दिसम्बर 2018 को सिटी ऑफ नाॅलेज के रूप में विकसित किए जाने की अपेक्षा की थी, वह आज साकार होता दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है। बीच में यह धूमिल हो गया था, जिसे आज हमारे शिक्षाविद पुन: गौरवशाली बना रहे हैं। हमें विश्वास है कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी इस क्षेत्र में विश्व में नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।
उन्होंने नई शिक्षा नीति पर कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में भी शिक्षा से चरित्र निर्माण पर जोर दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों में करुणा दया के साथ ही उसको रोजगारपरक बनाने के लिए कहा गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे भारत में नाथ सिद्ध परंपरा के अनुयायियों के लिए गोरखपुर श्रद्धा का केन्द्र है।
यह नगर बाबा राघव दास, साहित्यकार प्रेमचंद की स्मृतियों से सुगंधित है। ऐसा माना जाता है कि गुरु गोरखनाथ शिव के अवतार थे।
गोरखनाथ पीठ ने आजादी के आंदोलन के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, आज भी यह शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।
भारत के बाहर भी नेपाल, भूटान, म्यानमार जैसे देशों में गोरखनाथ पीठ योग की शिक्षा देने में लगा हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आचार्य हजारी प्रसाद ने लिखा था कि गुरु गोरखनाथ ने पतजंलि की योग परंपरा को जन सामान्य के लिए बनाया।
जो शिक्षा जन सामान्य के लिए नहीं बनती, उसे शिक्षा नहीं कहा जा सकता। नई शिक्षा नीति 2020 में भी शिक्षा से चरित्र निर्माण पर जोर दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों में करुणा दया के साथ ही उसको रोजगार परक बनाने के लिए कहा गया।
महंत दिग्विजय की शिक्षा परंपरा को आगे बढ़ाने की एक कड़ी है महायोगी गोरखनाथ विवि : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप सब जानते हैंकि जब देश पर अंग्रेजों का तंत्र था, उस कालखंड में 1932 में ब्रह्मलीन गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत दिग्विजय नाथ महाराज ने गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर पूर्वांचल के शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए क्षेत्र में अलख जगाने का एक महत्वपूर्ण कार्य किया था।
उसी शृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज यहां एक विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया तो दूसरे विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 1932 से प्रारंभ यह यात्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिला शिक्षा के लिए पहला महाविद्यालय स्थापित किया गया और आज लगभग चार दर्जन शिक्षण प्रशिक्षण शिक्षा चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े संस्थाओं का संचालन करने के साथ ही महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के द्वारा नवसृजित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम राष्ट्रपति के उद्घोषणा का ही एक हिस्सा है।
उन्होंने 2018 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के मुख्य समारोह में गोरखपुर के इस प्रतिष्ठित शिक्षा परिषद की शताब्दी महोत्सव के पूर्व गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज बनाने का एक संकल्प गोरखपुर वासियों को दिया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही अच्छे नागरिक तैयार होते हैं : राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय स्वास्थ्य चिकित्सा व तकनीकी शिक्षा में उच्च स्तरीय शोध को बढ़ावा देगा।
हमें विश्वास है कि आने वाले दिनों में गोरखपुर शिक्षा हब के रूप में जाना जाएगा।
सभी जानते हैं कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से ही अच्छे नागरिक तैयार होते हैं। आज टेक्नाेलाॅजी का समय है।
देश को नई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना है। ऐसे में नई चुनौतियों को ध्यान में रखकर हमें आगे बढ़ना होगा।