Manish Sisodia is holding meetings in haste: दिल्ली शराब घोटाला केस में मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) 17 महीने बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ चुके हैं। सिसोदिया अब ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की कमी को पूरा करने की कोशिशों में जुटे हैं।
उनसे एक सवाल पूछा गया कि वह दिल्ली सरकार में दोबारा शामिल होंगे और अगर ऐसा होता है तो किस हैसियत से- डिप्टी सीएम या एक्टिंग सीएम के तौर पर? इसके जवाब में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता पार्टी की तरफ से मिली किसी भी जिम्मेदारी से ऊपर आम आदमी पार्टी () AAPको आगामी विधानसभा चुनावों में जिताना है।
सिसोदिया ने कहा कि Supreme Court द्वारा दिल्ली सरकार को ‘सेवाओं’ के मामलों पर नियंत्रण देने के बाद पिछले साल दिल्ली सरकार अधिनियम में संशोधन करके केंद्र सरकार ने एलजी को निर्वाचित सरकार से अधिक शक्तियां दे दी हैं। और इसकी वजह से अब राजधानी में कामकाज ठप्प पड़ गया है। मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने वाली किसी भी पार्टी को इसी समस्या का सामना करना पड़ेगा और एलजी के साथ ये लड़ाई लड़नी पड़ेगी।’
उन्होंने कहा कि नौकरशाहों और मंत्रियों के बीच कोई मतभेद नहीं है और अधिकारी वास्तव में एलजी से डरे हुए हैं। खबर के मुताबिक, तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद Manish Sisodia ने कहा कि यह पार्टी को तय करना है कि उनकी उपयोगिता सरकार में अधिक है या पार्टी में।
बता दें कि मनीष सिसोदिया ने कथित आबकारी नीति घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 17 महीने तिहाड़ जेल में बिताए हैं। बीते दिनों यानी शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है।
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने अगले साल प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने के लिए रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। बता दें कि इससे पहले रविवार को मनीष सिसोदिया ने अगले साल प्रस्तावित दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi assembly elections) की रणनीति पर चर्चा करने के लिए रविवार को आम आदमी पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक की थी।
उस बैठक में दिल्ली के मंत्री- सौरभ भारद्वाज, आतिशी और गोपाल राय सहित आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और संदीप पाठक भी शामिल हुए।
बाद में आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने बताया था कि बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणनीति और राष्ट्रीय राजधानी के राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई।