Mayawati Again becomes the National President of the Party: बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati ) फिर से पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गई है। पिछले चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए राजनीति के जानकार मान रहे थे कि शायद वह सियासत से संन्यास ले लें और अपने भतीजे आकाश आनंद को नई जिम्मेदारी सौंप दें।
मायावती ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए एक बार फिर से पांच साल के लिए पार्टी की जिम्मेदारी संभाल ली है। अब वह 2029 तक पार्टी की अध्यक्ष बनी रहेंगी।
बसपा में एक तरफ राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा था, वहीं दूसरी तरफ पूरे देश से आए Delegates इस बात को मान रहे थे कि पार्टी कार्यालय में कुछ नया होने वाला है लेकिन मायावती को ना सिर्फ 5 साल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया बल्कि कई सारे राजनीतिक संदेश भी दे दिए। वास्तव में इसके पीछे सबसे बड़ा तर्क यह माना जा रहा है कि मायावती खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहती हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से ठीक एक दिन पहले अटकलें लगीं कि मायावती संन्यास ले रही हैं।
मायावती ने ना सिर्फ इस खबर का खंडन किया, बल्कि कठोरता से यह भी कहा कि उनके विरोधी चाहते हैं कि वह राजनीति से संन्यास ले लें, लेकिन वह राजनीति में ही रहेंगी। खास तौर से दलितों के हक के लिए लड़ाई लड़ती रहेंगी।
पिछले कुछ सालों में BSP के प्रदर्शन को देखें तो जिसको कभी 30फीसदी वोट मिला करता था वह सीधे नौ फीसदी पर आ गया है। यही नहीं बसपा ने लोकसभा (Lok Sabha) की कोई सीट नहीं जीती है। यूपी की विधान परिषद में उनका कोई सदस्य नहीं है, जबकि यूपी की विधानसभा में एक सदस्य उमाशंकर सिंह है जो कि अपने बल पर चुनाव जीते हैं।