BUDGET 2024 on Mayawati BSP: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती (Mayawati ) ने प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा सपा और कांग्रेस नेताओं ने भी अपनी-अपनी बातें कही।
बसपा मुखिया मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर कहा, “संसद में आज पेश केंद्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ‘अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम, उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहां के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव। Budget में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा?”
इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने पोस्ट में लिखा, ”देश का विकास व लोगों का उत्थान आंकड़ों के भूल-भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी। सरकार BSP सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।”
इसके अलावा सपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि भाजपा ने जो आज Budget पेश किया है, इसने गरीब, किसान और नौजवानों को निराश किया है। अपने पुराने बजट जैसा 11वीं बार पेश किया है। इसमें बड़े लोगों को फायदा है। गरीबों और छोटे तबकों की उम्मीदों पर सरकार ने पानी फेरा है। UP की उपेक्षा लगातार 10 सालों से हो रही है। यही उत्तर प्रदेश ने इन्हें सबसे ज्यादा दो बार सांसद दिया। खुद पीएम यहीं से चुने गए हैं। लगता है यूपी ने इन्हें इस बार हरा दिया तो बदला ले रहे हैं। 2027 में इनको फिर उत्तर प्रदेश जवाब देगा।
दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट सिर्फ हवा-हवाई और किताबी है। बजट में बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों की घोर उपेक्षा की गई है। शायद BJP 2024 में चुनाव में जो सीटों में घट गई हैं, इसकी वजह से वह युवाओं और आम आदमी से अपनी कुंठा बजट में निकाल रही है। इस बजट में किसी भी वर्ग को राहत नहीं दी गई है। बजट से देशवासियों को निराशा हाथ लगी है। देश के आम आदमी, किसानों, युवाओं के लिए मोदी सरकार को कोई चिंता नहीं है। यह बजट भी खोखला साबित हुआ, जिसमें की गई घोषणाएं बाद में गायब हो जाएगी।