नई दिल्ली: देश के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
मोदी सरकार ने डाइ अमोनिया फास्फेट पर किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में दोगुने से अधिक का इजाफा कर दिया है।
अब उन्हें 500 रुपए प्रति बैग की जगह 1200 रुपए प्रति बैग सब्सिडी दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया है।
डीएपी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के बावजूद किसानों को 1200 रुपये ही खाद के प्रति बैग के लिए चुकाने होंगे।
केंद्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब हाल ही में सरकार को कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर नाराजगी और आंदोलन का सामना करना पड़ा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया,पीएम मोदी ने उर्वरकों की कीमत पर हाई लेवल मीटिंग की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बढ़ने के बावजूद किसानों को पुरानी कीमत पर ही उर्वरक मिले।
यह फैसला लिया गया कि किसानों को डीएपी पर 500 रुपए प्रति बैग की जगह अब 1200 रुपए प्रति बैग सब्सिडी दी जाएगी।
पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस प्रकार डीएपी की अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमतों में वृद्धि के बावजूद, इसे 1200 रुपये के पुराने मूल्य पर ही बेचे जाने का निर्णय लिया गया है।
पीएमओ ने कहा, ”मूल्य वृद्धि का सारा अतिभार केंद्र सरकार ने उठाने का फैसला किया है।
प्रति बोरी सब्सिडी की राशि कभी भी एक बार में इतनी नहीं बढ़ाई गई है।
पिछले साल डीएपी की वास्तविक कीमत 1,700 रुपये प्रति बोरी थी, जिसमें केंद्र सरकार 500 रुपये प्रति बैग की सब्सिडी दे रही थी।
इसलिए कंपनियां किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से खाद बेच रही थीं।
पीएमओ ने अपने बयान में कहा, ”हाल ही में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।
इसी कारण एक डीएपी बैग की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपए है, जिसे खाद कंपनियों द्वारा 500 रुपये की सब्सिडी घटा कर 1900 रुपये में बेचा जाता है।
आज के फैसले से किसानों को 1200 रुपये में ही डीएपी का बैग मिलता रहेगा।