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मुंबई हाई कोर्ट ने पूर्व MP नवनीत राणा को दी वॉर्निंग, सुनवाई के लिए स्थगन मांगा तो…

हनुमान चालीसा प्रकरण के बाद पुलिस के दर्ज मामले में की थीआरोप मुक्ति की मांग

Mumbai High Court gave warning to former MP Navneet Rana: बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने पूर्व सांसद और BJP नेता नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को वार्निंग दी कि अगर याचिका पर सुनवाई के लिए स्थगन मांगा तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।

High Court ने जोर देकर कहा कि यह उनके लिए आखिरी मौका है, ताकि वे तय कर सकें कि उनकी पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई हो।

जस्टिस एसएम मोदक की बेंच नवनीत राणा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने 2022 के हनुमान चालीसा प्रकरण के बाद मुंबई पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की थी।

बता दे 2022 में एक सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए तत्कालीन सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। नवनीत राणा के खिलाफ यह मामला खार पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था।

आरोप है कि नवनीत और रवि दोनों ने 23 अप्रैल 2022 को गिरफ्तारी का विरोध किया और पुलिसकर्मियों के काम में बाधा डाली, जो महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पाठ की घोषणा के बाद उनके खार स्थित आवास पर गए थे। हनुमान चालीसा विवाद में भी मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मुंबई पुलिस ने उस मामले में दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है।

नवनीत राणा को इस मामले में 2022 में गिरफ्तार किया गया था और करीब एक महीने तक जेल में रखा था। दोनों ने मामले से बरी करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था, जिसे विशेष सत्र न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने खारिज कर दिया था।

High Court के समक्ष दायर याचिका में नवनीत और रवि राणा ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और एफआईआर देरी से दर्ज की गई है और जांच में गड़बड़ी की गई है।

18 जनवरी को नवनीत राणा को राहत देते हुए High Court ने निर्देश दिया था कि निचली अदालत नवनीत राणा के खिलाफ सुनवाई और आरोप तय करने की प्रक्रिया को अगली तारीख तक के लिए टाल दे।

हालांकि, अगली तारीख यानी 21 फरवरी को समय की कमी के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। इसके बाद 3 अप्रैल को याचिका सूचीबद्ध होनी थी, लेकिन सूचीबद्ध नहीं हुई। इसलिए 18 अप्रैल को नवनीत राणा के वकील ने राहत की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए न्यायालय का रुख किया।

इस मामले की 25 जून को जब याचिका सुनवाई के लिए आई, तो नवनीत राणा के वकील ने बीमार होने का बहाना बनाया और एक जूनियर वकील ने स्थगन और राहत की अवधि बढ़ाने की मांग की। इस मुद्दे के कारण ही बेंच ने कहा कि नवनीत राणा को अपनी याचिका पर सुनवाई के लिए यह आखिरी मौका दिया जा रहा है। अब सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

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