नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मंत्रालय द्वारा भारत की आजादी के 75 वर्षों के जश्न “अमृत महोत्सव” के तहत शनिवार को यहां “मेरा वतन, मेरा चमन” मुशायरा आयोजित किया गया।
इसमें देश के जाने-माने शायरों ने आजादी के महानायकों को याद करते हुए आजादी के जश्न के साथ-साथ बंटवारे के जख्म पर अपनी रचनाएं पेश की।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अंबेडकर भवन में आयोजित इस मुशायरे का दीप प्रज्वलित करते हुए कहा कि मुशायरे, कवि सम्मेलन आदि भारत की शानदार धरोहर हैं, इनके जरिये हम “अनेकता में एकता” की हिंदुस्तानी तहजीब की ताकत को और मजबूती देते हैं।
इस तरह के कार्यक्रम जहां एक तरफ शांति, सामाजिक समरसता के सन्देश का प्रसार करते हैं, वहीं ऐसे आयोजन हमारे राष्ट्रवादी संकल्प और “नए भारत” के निर्माण के लक्ष्य को ताकत और ताजगी देते हैं।
नकवी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम भारत की शानदार कला, साहित्य और अदब की विरासत से नई पीढ़ी को रूबरू भी कराते हैं।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित “मेरा वतन, मेरा चमन” मुशायरे में वसीम बरेलवी, मोहतरमा शबीना अदीब,मंजर भोपाली, डा. वी. पी. सिंह, मोहतरमा सबा बलरामपुरी, हसीब सोज, डा. एजाज पॉपुलर मेरठी, सरदार सुरेंद्र सिंह, सिकंदर हयात गड़बड़, खुर्शीद हैदर, अकील नोमानी, डा. अब्बास रज़ा नय्यर जलालपुरी जैसे जाने-माने शायरों ने अपने कलाम से लोगों को रूबरू कराया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी एवं सय्यद जफ़र इस्लाम, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल, सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान, और राजनैतिक, विधि, सामाजिक, उद्योग, मनोरंजन, शिक्षा आदि क्षेत्र की मशहूर हस्तियां, समाज के सभी वर्गों के प्रमुख लोगों एवं अन्य गणमान्यों ने उपस्थित रह कर शायरों की हौसला अफजाई की।