नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की शाम हुए कैबिनेट विस्तार में पूर्व नौकरशाह अश्निनी वैष्णव को कैबिनेट मंत्री के तौर पर जगह दी, वहीं रात में हुए बंटवारे में उन्हें रेल और आईटी जैसे दो बड़े मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी दी गई। अश्विनी वैष्णव की छवि एक कर्मठ नौकरशाह की रही है।
राजस्थान के जोधपुर में पैदा हुए 50 वर्षीय अश्विनी वैष्णव 1994 बैच के ओडिशा काडर के आईएएस अफसर हैं।
भाजपा के टिकट पर 28 जून, 2019 को वह ओडिशा से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे।
खास बात है कि ओडिशा में भाजपा के पास पर्याप्त विधायकों की संख्या न होने के बावजूद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का समर्थन पाकर वह राज्यसभा सांसद बनने में सफल हुए थे।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर नवीन पटनायक ने वैष्णव को राज्यसभा निर्वाचित होने में साथ दिया था। अश्निनी वैष्णव ने वर्ष 2003 तक ओडिशा में कार्य किया।
वर्ष 1999 में आए चक्रवात के दौरान ओडिशा में उनके कार्य को आज भी सराहा जाता है। ओडिशा के बाद अश्विनी वैष्णव केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पीएमओ में पहुंचे।
यहां तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय पीएमओ में उपसचिव नियुक्त हुए।
वहीं प्रधानमंत्री पद से वाजपेयी के हटने के बाद भी वैष्णव उनके निजी सचिव रहे।
बताया जाता है कि वाजपेयी के साथ रहने के दौरान से ही वैष्णव को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जानते थे। उनके रिश्ते बाद में और अच्छे होते गए।
अपनी कैबिनेट में सरकारी कार्य में माहिर अनुभवी व्यक्ति की जरूरत पड़ने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपने कैबिनेट में जगह दी।
अश्विनी वैष्णव विदेश में भी पढ़ाई कर चुके हैं। 2008 में आईएएस की नौकरी छोड़ने के बाद अमेरिका के व्हार्टन विश्वविद्यालय से एमबीए की भी शिक्षा उन्होंने हासिल की।