Modi’s Interview : प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को NDTV को खास इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने TMC प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के उस बयान पर चर्चा की, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा था कि चार जून को मोदी सरकार जा रही है।
इस बयान पर मोदी ने कहा- वह एकदम सच बोल रही हैं। उन्होंने समझाते हुए बताया, “इस सरकार का कार्यकाल चार जून को खत्म होना ही है। इसके बाद नयी सरकार बनेगी।
संविधान के अनुसार हमारी सरकार का कार्यकाल चुनाव के बाद पूरा हो जायेगा। इसमें Political तो कुछ नहीं है। इस सरकार का कार्यकाल चुनाव तक ही है।
चुनाव होने के बाद नयी सरकार बनेगी। इसके बाद फिर से हम नयी सरकार बनायेंगे। मेरी सरकार की कोई Expiry Date नहीं है, मैं तो अविनाशी हूं, मैं तो काशी का हूं, काशी तो अविनाशी है।”
मैं वोट बैंक के हिसाब से नहीं सोचता हूं
PM मोदी ने कहा, “हमारे देश का दुर्भाग्य है कि जो सरकारें चलाते हैं, उनके दिमाग में एक ही बात रहती है कि अगला चुनाव जीतने के लिए कोई खेल खेलें। मेरे दिमाग में यह बात नहीं रहती। मैं दोबारा सरकार बनाने के लिए सरकार नहीं चलाता हूं। मैं देश बनाने के लिए सरकार चलाता हूं।
यह सरकार देश का भविष्य बनाने के लिए है। यह सरकार देश की भावी पीढ़ी का भविष्य बनाने के लिए है। मैं वोट बैंक के हिसाब से न तो सोचता हूं और न ही काम करता हूं। भगवान बचाये! मैं ऐसा करना भी नहीं चाहता।”
हिंदुओं की तरह मुस्लिम की भी जातियां हैं
मोदी ने कहा, “हिंदुओं की तरह मुस्लिम की भी जातियां हैं। लेकिन, आपको मालूम तक नहीं होगा, न कभी जाति का उल्लेख करते हैं। उसका कारण क्या है कि वह एक अगला वर्ग है, उसने ऐसा कब्जा जमाया है, कुछ ही परिवारों का ठेका है।
इतना बड़ा वर्ग अगर देश की विकास यात्रा में भागीदार नहीं बनता है, तो देश का नुकसान है। मेरे मन में हमेशा यह बात रहती है कि देश की विकास यात्रा में समाज के हर वर्ग और हर तबके के लोग शामिल हों। इसलिए कि वह हिंदू है तो उस पर ध्यान देना चाहिए, वह मुसलमान है तो उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए, मेरा यह तरीका नहीं है।”
मोदी ने कहा, “मेरी जिंदगी में 15 साल के बाद का समय बहुत परिश्रम से गुजरा है और कठिनाइयों में जीने की आदत से गुजरी है। सुख-सुविधा से मेरा कोई लेना-देना नहीं रहा।
मुझे जो भी काम दिया गया, उसे मैंने कर्तव्य के भाव से और कुछ सीखने के इरादे से पूरा किया। जब आप जीवनभर एक विद्यार्थी की अवस्था में रहते हैं, तो मन से हमेशा फ्रेश रहते हैं। क्योंकि हर बार आप में सीखने की प्रवृत्ति रहती है।
आखिरकार सभी के शरीर की संरचना के भीतर भी मन की अवस्था बहुत बड़ी होती है। मेरे केस में मेरे भीतर का विद्यार्थी जीता रहता है। बिल्कुल ही जीवंत है। मेरी इच्छा हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने और समझने की होती है। उसी का नतीजा है कि मैं एनर्जेटिक लगता हूं।”
कंप्यूटर ऑपरेटरों को बताया ‘थका हुआ’, सितार वादक को ‘Fresh’
इस दौरान मोदी ने अपनी एनर्जी को समझाने के लिए Computer Operator और सितार वादक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “एक कंप्यूटर ऑपरेटर होता है। दिनभर कंप्यूटर पर हाथ चलाता रहता है।
वह शाम को जब नौकरी करके घर जाता होगा, तब देखेंगे कि वह कितना थका-थका है। घर जाकर अपना बैग ऐसे ही फेंक देता है। आयु 50 साल भी नहीं होती है।
दूसरी ओर, एक सितार वादक होता है। वह भी उंगली का खेल करता है। 80 साल के बाद भी देखेंगे कि वह एकदम फ्रेश लगता है। इन दोनों में फर्क क्या है, मन की रचना का है।”