नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने लोकसभा उपाध्यक्ष पद का चुनाव नहीं कराने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।
जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा से कहा कि हम नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, आप निर्देश लें। मामले की अगली सुनवाई 30 सितम्बर को होगी।
याचिका पवन रिले ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद दो साल से अधिक समय से खाली रखकर संविधान के अनुच्छेद 93 का उल्लंघन किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि 830 बीत गए हैं लेकिन उपाध्यक्ष नहीं चुना गया है। यह बहुत गंभीर मामला है।
याचिका में कहा गया है कि लोकसभा में प्रक्रिया और उसके कार्य संचालन के नियम 8 के तहत उपाध्यक्ष के चुनाव की तारीख तय करना लोकसभा अध्यक्ष का प्राथमिक कर्तव्य है।
याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 93 के तहत उपाध्यक्ष का चुनाव जितनी जल्दी हो कराने की बात कही गई है।
इसका मतलब ये नहीं है कि उपाध्यक्ष का चुनाव दो साल या उससे अधिक की अवधि तक बढ़ाई जा सकती है। उपाध्यक्ष पद के चुनाव में और देरी नियमों का उल्लंघन होगा।