बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस.येदियुरप्पा ने सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को अपना इस्तीफा सौंपा।
राज्य में भाजपा के निवर्तमान मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने स्पष्ट किया कि पार्टी आलाकमान की ओर से उन पर इस्तीफा देने का कोई दबाव नहीं था।
राजभवन के अपने दौरे के बाद बोलते हुए, नए मुख्यमंत्री के पद संभालने तक अंतरिम मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने राज्य में एक नए सीएम के लिए रास्ता बनाने के लिए स्वेच्छा से पद छोड़ने का निर्णय लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी संगठन की सेवा करने वाली राजनीति में बने रहेंगे।
उन्होंने कहा कि वह भविष्य में पार्टी से कोई पद नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा, मेरे बेकार बैठने या राजनीति से बाहर जाने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं हर बार पार्टी को सत्ता में वापस लाने का प्रयास करूंगा।
उन्होंने कहा, मैं एक बार फिर यह कहना चाहता हूं कि दिल्ली से कोई दबाव नहीं था। मैंने केवल पद पर दो साल पूरे होने के अवसर पर इस्तीफा देने का फैसला किया है।
येदियुरप्पा ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे कोई फैसला लेने के लिए मजबूर नहीं किया। मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं, ताकि पार्टी राज्य में एक नया चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित कर सके।
भाजपा आलाकमान कर्नाटक के नेतृत्व को बदलने की प्रक्रिया को लेकर कुछ चिंतित जरूर था, लेकिन पूर्व सीएम येदियुरप्पा के स्वेच्छा से इस्तीफा देने के बयान के बाद आलाकमान ने राहत की सांस ली होगी।
येदियुरप्पा की इस स्पष्ट घोषणा ने आखिरकार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके बने रहने को लेकर एक सप्ताह के सस्पेंस से पर्दा हटा दिया है।