नई दिल्ली: समभावित तीसरी लहर के मद्देनजर दिल्ली सरकार की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिया है कि कोरोना संक्रमित बच्चा अगर अस्पताल में भर्ती है तो उसके माता-पिता को कोविड वार्ड में प्रवेश दिया जा सकता है।
उन्हें पीपीई किट पहनकर वहां रुकने की अनुमति दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द इस सुझाव पर फैसला लेंगे।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अभिभावकों को तभी कोविड वार्ड में प्रवेश मिलेगा, जब बच्चा बहुत रो रहा हो। बगैर माता-पिता के उसे हैंडल करना मुश्किल हो रहा हो।
यह नियम 14 साल से कम उम्र के बच्चों पर ही लागू होगा। अस्पताल में अभिभावकों को रुकने के लिए अलग से केंद्र बनाया जाएगा।
बच्चों को कैसे संभाला जाए, कैसे इलाज किया जाए, इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की टीम बनाने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आगाह किया कि कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका प्रबल है और उनकी सरकार इससे निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर पर ब्रिटेन से संकेत मिल रहे हैं।
45 प्रतिशत तक टीकाकरण के बावजूद वहां मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रह सकते हैं और हमारी सरकार इससे निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही है।
केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को बधाई देते हुए कहा था कि उन्होंने एक साथ मिलकर कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना संघर्ष और अनुशासन से किया तथा इसे काबू करने में सफल हुए।
उन्होंने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि कोविड की तीसरी लहर हमें प्रभावित न करे, लेकिन अगर ऐसा होता है तो दिल्ली को फिर से मिलकर लड़ना होगा।