Question raised on use of EVM in America also : भारत में रह-रह कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर सवाल उठाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के नतीजे आने के बाद भी विवाद नहीं थमा है।
अब इसके खिलाफ आवाज अमेरिका में भी उठ गई है। इसका असर भारत में दिखाई दे रहा है। EVM को लेकर फिर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। खुद चुनाव आयोग ने आकर सफाई दी।
अब सवाल उठता है कि आखिर चुनाव के बाद EVM पर बवाल क्यों? इसका जवाब है कि भारत में EVM पर लगी सियासी आग का धुआं करीब 7 हजार किलोमीटर दूर से उठा है। जी हां, अमेरिका में चुनाव में EVM के इस्तेमाल पर उठ रहे सवाल के बीच भारत में यह बवाल हो रहा है।
दरअसल, प्यूर्टो रिको में EVM में मिसमैच की घटना सामने आई है। EVM और पेपर ट्रेल की गिनती में अनियमितता मिली। पेपर ट्रेल रहने की वजह से ही यह गड़बड़ी सामने आई। पेपर ट्रेल के जरिए ही गलती की पहचान कर सुधारा गया।
भारत में EVM की आग तब भड़की जब Elon Musk ने EVM के खिलाफ पोस्ट किया।
दरअसल, मस्क ने यह पोस्ट अमेरिकी राष्ट्रपति पद के इंडिपेंडेंट उम्मीदवार रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर की पोस्ट को Repost करके कही। EVM पर मस्क के पोस्ट के बाद भारत में सियासी संग्राम शुरू हो गया।
BJP नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क की खिंचाई कर कहा कि उन्हें भारत आकर कुछ सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की ईवीएम में कोई Connectivity नहीं, कोई ब्लूटूथ, वाई-फाई, इंटरनेट नहीं, कोई रास्ता नहीं है। हालांकि, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी विवाद से पीछे नहीं हटे।
उन्होंने भी EVM पर संदेह जताकर फिर सवाल खड़े किए। उन्होंने मस्क के Post को शेयर कर लिखा कि भारत में EVM एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी इसकी जांच की अनुमति नहीं है। इसके बाद यह मुद्दा और गरमाता जा रहा है।