अब पाठ्यक्रम की किताब से हट गया बाबरी मस्जिद का नाम, माजरा क्या है भाई…

Digital Desk
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Babri Mosque Topic Remove from Books : मोदी सरकार अपने 10 साल के दो कार्यकाल में देश में बहुत से नामों को बदलने में महारत हासिल कर चुकी है। अब तीसरे NDA काल में इसका पहला उदाहरण सामने आया है।

बताया जाता है कि 12वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान (Social Science) की नई NCERT की किताब में बाबरी मस्जिद (Babri Mosque) का नाम भी हटा दिया गया है।

अब नई किताब में इसे ‘तीन गुंबद वाला ढांचा’ कहा गया है। वहीं अयोध्या (Ayodhya) वाले अध्याय को छोटा करके चार पेज से केवल दो में कर दिया गया है।

इसमें BJP की सोमनाथ से अयोध्या की रथ यात्रा, कार सेवकों की भूमिका, बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद हुई हिंसा, राष्ट्रपति शासन और अयोध्या में हुई हिंसा पर बीजेपी के खेद वाली बातों को शामिल किया गया है।

क्या था पुरानी टेक्स्ट बुक में

एक खास मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुरानी टेक्स्ट बुक में बताया गया था कि 16वीं शताब्दी में मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बाकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई थी।

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वहीं अब इस अध्याय में बताया गया है कि 1528 में श्रीराम के जन्मस्थान पर तीन गुंबद वाला ढांचा बना दिया गया है। हालांकि इस ढांचे में कई हिंदू चिह्न बने हुए थे।

इसके अलावा आंतरिक और बाहरी दीवारों पर मूर्तियां बनी हुई थीं।

पुरानी किताब में दो पेज में यही बताया गया था कि फैजाबाद जिला अदालत द्वारा 1986 में मस्जिद खोलने के फैसले के बाद किस तरह से मोबिलाइजेशन किया गया।

1992 में राम मंदिर (Ram Mandir) बनाने के लिए रथ यात्रा और कारसेवा की वजह से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। इसके बाद 1993 में सांप्रदायिक दंगे हुए।

वहीं इस बार बताया गया है कि बीजेपी ने अयोध्या की घटनाओं को लेकर दुख व्यक्त किया।

लोगों को पूजा करने की मिली अनुमति

नई किताब में बताया गया है कि 1986 में फैजाबाद जिला अदालत ने तीन गुंबद वाले ढांचे को खोलने का आदेश दे दिया और लोगों क पूजा करने की अनुमति मिल गई।

माना जाता था कि इस तीन गुंबद वाले ढांचे को श्री राम के जन्मस्थान पर बनाया गया है। राम मंदिर का शिलान्यास कर दिया गया लेकिन आगे निर्माण पर रोक लगा दी गई।

हिंदू समुदाय को लगा कि उसकी आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और मुस्लिम समुदाय को ढांचे पर अधिकार बनाए रखने का अधिकार मिल रहा है।

वहीं 1992 में ढांचा गिरने के बाद बहुत सारे आलोचकों ने कहा कि यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किया शामिल

नई किताब में अयोध्या विवाद को लेकर Supreme Court के फैसले को शामिल किया गया है। इसमें बताया गया कि 9 नवंब 2019 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाया कि यह भूमि मंदिर की है।

पुरानी किताब में कुछ न्यूजपेपर कटिंग की तस्वीरें लगाई गई थीं जिनमें बाबारी ढहाने के बाद कल्याण सिंह सरकार को हटाने का आदेश शामिल था।

इसे अब हटा दिया गया है। बता दें कि 2014 के बाद से चौथी बार एनसीईआरटी की किताब को अपडेट किया गया है।

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