नई दिल्ली: हरियाणा शिक्षक (जेबीटी) भर्ती घोटाला मामले में सजा काट रहे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी हो गई है।
उन्हें इस मामले में 10 साल की सजा हुई थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने उनकी छह माह की सजा को माफ कर दिया है।
इस बाबत तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने ‘हिन्दस्थान समाचार’ को बताया कि फिलहाल ओम प्रकाश चौटाला कोरोना महामारी की वजह से अंतरिम पैरोल पर छोड़े गए हैं।
उन्हें कागजी खानापूर्ति के लिए एक बार तिहाड़ जेल आना होगा। अभी तक उनके वकील की तरफ से ऐसे कोई सूचना नहीं आई है कि वे कब जेल आयेंगे।
जानकारी के अनुसार, 1999-2000 में हरियाणा जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाला हुआ था, जिसमें ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था।
वर्ष 2013 में दिल्ली की कोर्ट ने इस मामले में दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई थी।
इस मामले में वर्ष 2021 के अंत में ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी होने वाली थी।
कोरोना महामारी की वजह से हाल ही में हाई पावर कमेटी ने जेल से करीब पांच हजार कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया था, जिनमें ओम प्रकाश चौटाला भी शामिल थे।
छह माह की सजा हुई माफ
हाई पावर कमेटी ने तय किया था कि जिन लोगों को 10 साल की सजा मिली है, उनकी छह माह की सजा माफ की जा सकती है।
दिल्ली सरकार ने ऐसे कैदियों को चिह्नित कर उनकी सजा कम की है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का नाम शामिल है।
कोरोना महामारी के चलते वे अंतरिम जमानत पर हैं, इसलिए केवल कागजी कार्यवाही पूरी की जानी है।
2013 में तिहाड़ में लाये गए थे चौटाला
तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने बताया कि 16 जनवरी 2013 को ओम प्रकाश चौटाला तिहाड़ जेल में लाये गए थे।
26 मार्च 2020 से वे कोरोना महामारी की वजह से दी गई इमरजेंसी पैरोल पर थे
। 21 फरवरी 2021 को उन्हें जेल में सरेंडर करना था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश पर उनकी पैरोल बढ़ गई थी।
21 फरवरी को उनकी सजा दो महीने 27 दिन बची हुई थी। जिसे दिल्ली सरकार ने माफ कर दिया है।