महोबा: उज्जवला योजना ने जितने लोगों का जीवन रोशन किया है, वह अभूतपूर्व है। यह योजना 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया से आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे की धरती से शुरू हुई थी।
दूसरा चरण भी आजादी की ऊर्जा स्थली कहे जाने वाले बुन्देलखण्ड की वीरभूमि महोबा से शुरू हो रहा है।
महोबा हो बुंदेलखंड हो यह तो देश की आजादी की एक प्रकार से उर्जा स्थली रही है। यहां के कण-कण में रानी लक्ष्मीबाई रानी दुर्गावती व महाराजा छत्रसाल जैसे वीर गाथा समाहित है।
आज जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो यह आयोजन इन महान व्यक्तित्व को स्मरण करने का अवसर भी लेकर आया है। आज मैं बुंदेलखंड की धरा की महान संतान को याद कर रहा हूं।
मेजर ध्यानचंद हमारे दद्दा ध्यानचंद जिनके नाम से देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया।
मुझे पूरा विश्वास है कि ओलंपिक में हमारे खिलाड़ियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन के लिए दद्दा का नाम करोड़ों खेल प्रेमियों को प्रेरित करेगा।
उक्त उद्गार वर्चुअल माध्यम से उज्वला योजना के चरण 2.0 का बटन दबाकर शुभारम्भ करने के बाद देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महोबा के पुलिस लाइन मैदान में व्यक्त किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने मेडल तो जीते ही हैं साथ ही खेलों में दमदार प्रदर्शन कर विश्व पटल पर अपना नाम स्थापित किया। हम आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं।
बीते 7 दशकों से देश के हालात जस के तस रहे। इन्हें बहुत पहले बदला जा सकता था।
पानी, बिजली, शौचालय, सड़क और घर लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। इनके लिए देशवासियों को दशकों का इंतजार करना पड़ा।
इसका सबसे ज्यादा नुकसान हमारी माताओं बहनों ने उठाया। खासकर गरीब माताओं बहनों को मुसीबत झेलनी पड़ी।
झोपड़ी में टपकते पानी के बीच सबसे ज्यादा परेशान अगर किसी को होना पड़ा तो माताओं बहनों को होना पड़ा।
बिजली के अभाव में सबसे ज्यादा अगर परेशानी हुई तो माताओं बहनों को हुई।
पानी की गंदगी से परिवार बीमार तो भी परेशानी मां कोए शौचालय के अभाव में अंधेरा होने का इंतजार परेशानी हमारी माताओं बहनों को स्कूल में अलग टॉयलेट नहीं तो समस्या हमारी बेटियों को।
कई पीढ़ियों से मां को धुंए में आंखें मलते भीषण गर्मी में भी काम करते आग में तपते हुए देखा गया।
क्या ऐसी स्थितियों में हम आजादी के 100वें वर्ष की ओर बढ़ सकते हैं क्या हमारी जब मूलभूत सुविधाओं के लिए ही समाज संघर्ष करता रहेगा तो कैसे तरक्की होगी।
सपने पूरे कैसे हो सकते हैं जब तक समाज को इन सुविधाओं का आश्वासन नहीं मिलेगा और बिना इसके कोई देश आत्मनिर्भर कैसे बन सकता है।
2014 में जब देश ने हमें सेवा का अवसर दिया तो ऐसे ही सवालों को हमने खुद से पूछा तब स्पष्ट हुआ कि सारी समस्याओं का समाधान हमें तय समय के भीतर करना होगा।
हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकल कर राष्ट्र निर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब घर और रसोई की समस्याएं हल होंगी।
इसीलिए बीते 6.7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड में काम किया गया।
02 करोड़ से अधिक पक्के घर हजारों किलोमीटर ग्रामीण सड़क सौभाग्य योजनाओं के जरिए करीब तीन करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन आयुष्मान भारत योजना में 50 करोड़ से अधिक लोगों को 05 लाख रुपए तक की इलाज की सुविधा गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण व पोषक आहार के लिए सीधे बैंक खाते में पैसे जमा किए जा रहे हैं।
जन धन योजना के तहत करोड़ों बहनों के खाते खुलवाए। उनमें कोरोना काल में 30000 करोड़ रुपए जमा करवाएं।
जल जीवन मिशन के माध्यम से नल से जल पाइप से शुद्ध जल पहुंचाने का काम करेंगे, ताकि बहनों के स्वास्थ का ध्यान रखा जा सके।
स्वास्थ्य सुविधा और सशक्तिकरण के संकल्प को उज्जवला योजना ने बहुत बड़ा बल दिया।
योजना के पहले चरण में 08 करोड़ गरीब एवं पिछड़े व आदिवासी बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया।
इनका इतना लाभ हुआ कि जब कोरोना काल में लोगों का काम धंधा बंद था तब सुख से उन्हें भोजन मिल सका। ऐसे करोड़ों गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए।
कल्पना कीजिए उज्जवला न होती तो संकटकाल में हमारी गरीब बहनों की स्थिति क्या होती एक और लाभ भी हुआ कि पूरे देश में एलपीजी गैस से जुड़े लोगों का कई गुना विकास हुआ है।
11000 से अधिक गैस वितरण केंद्र खोले गए। युवाओं को रोजगार मिले जो परिवार पहले बेहतर सुविधा के अभाव में गैस कनेक्शन से रह गए थे वह भी जुड़ गए।
ऐसे ही प्रयासों से आज भारत में गैस शतप्रतिशत कवर होने के नजदीक है। 70 साल से अधिक 07 साल में कनेक्शन दिए गए । पहले जो परेशानी आती थी उसे भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
उज्जवला योजना से जो सुविधाएं बढ़ी है उसमें एक और सुविधा जोड़ी जा रही है। अब बुंदेलखंड सहित यूपी और दूसरे राज्यों के साथी जो काम करने के लिए गांव से शहर जाते हैं।
वहां उनके सामने पते के प्रमाण की समस्या आती है। ऐसे लाखों लोगों को उज्जवला राहत देने वाली है।
ऐसे लोगों को पते का प्रमाण देने के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं है। सरकार को आपकी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है।
आपको अपने पते का सेल्फ डिक्लेयरेशन देना होगा और आपको कनेक्शन मिल जाएगा।
सरकार का प्रयास है इस दिशा में भी है कि आपके रसोई में गैस भी पानी की तहर पाइप से आए। ताकि यह सिलेंडर की तुलना में सस्ती रहेगी।
सीएनजी का कनेक्शन देने का काम जोरों से चल रहा है। 21 लाख घरों को इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
सीएनजी आधारित यातायात के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। जब सपने बड़े होते हैं तो उनको पाने के प्रयास भी उतने ही बड़े होने चाहिए।
आज विश्व बायोफ्यूल दिवस पर आत्मनिर्भरता के इंजन को देश के विकास गांव के विकास के इंजन को भरना है।
बायोगैस को 6.7 सालों में हम पेट्रोल में 10 प्रतिशत कमी लाए हैं। आगामी समय में 20 प्रतिशत का लक्ष्य है। इससे आना जाना भी सस्ता होगा।
पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। सबसे बड़ा लाभ हमारे किसानों को होगा विशेषकर यूपी के किसानों और नौजवानों को बहुत लाभ होगा। गन्ने से जब एथेनॉल बनाने का लक्ष्य मिलेगा।
पिछले बार एथेनॉल उत्पादकों से 7000 करोड़ का एथेनॉल खरीदा गया। यूपी के 70 जिलों में सीबीजी प्लांट बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
यूपी के गोरखपुर और पंजाब के भटिंडा में किसानों को कचरे का भी दाम मिलने वाला है। इन प्लांटों के लगने से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और पर्यावरण की रक्षा होगी।
इसी प्रकार दूसरी महत्वपूर्ण गोवर्धन योजना है। यह योजना गोबर से बायोगैस बनाने को प्रोत्साहन देगी।
इससे गांव में स्वच्छता भी आएगी और ऐसे पशु जो डेयरी सेक्टर के लिए उपयोगी नहीं है जो दूध नहीं दे रहे हैं वह भी कमाई करके देंगे।
योगी जी की सरकार ने अनेक गौशालाओं का निर्माण किया। यह किसानों की फसल की सुरक्षा के लिए उत्तम प्रयास है।
आगामी 25 सालों में आत्मनिर्भरता के इस कार्य को कई गुना बढ़ाना है। हमें मिलकर सिद्ध करना है इसमें बहनों की विशेष भूमिका होने वाली है। मैं उज्जवला के सभी लाभार्थी बहनों को शुभकामनाएं देता हूं।
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर माताओं बहनों की सेवा करने का अवसर मिला अपने आपको धन्य अनुभव करता हूं।
आपका आशीर्वाद हमेशा बना रहे ताकि हम एक नई ऊर्जा के साथ मां भारती की सेवा के लिए 130 करोड़ देशवासियों की सेवा के लिए गांवएगरीबएकिसानएदलित व पीड़ित की सेवा के लिए जी जान से जुटे रहें।
किया सभी का अभिवादन
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले सभी का अभिवादन करते हुए कहा कि अभी सभी माताओं बहनों से बात करने का मौका मिला। मुझे एडवांस में माताओं बहनों के आशीर्वाद मिले।
रक्षाबंधन से पहले देश के करोड़ों गरीब वंचित पिछड़े आदिवासी परिवारों को एक और उपहार देने का अवसर मिला।
उज्जवला योजना के अगले चरण में कई बहनों को मुफ्त व गैस कनेक्शन और गैस चूल्हा मिल रहा है। मैं सभी लाभार्थियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
महोबा में उपस्थित केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे सहयोगी हरदीप सिंह पुरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, राज्य सरकार के अन्य मंत्री गण व इस अवसर पर मेरे साथी सभी आदरणीय विधायक और मेरे प्यारे भाइयों बहनों को मेरा अभिवादन।