नई दिल्ली: शुक्रवार को लोकसभा की सदन की कार्यवाही में स्वास्थ्य संबंधी सवालों के जवाब देने के लिए खड़ी हुईं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार को विपक्ष के हंगामे का सामना करना पड़ा। हंगामे के कारण वे जवाब नहीं दे पाईं।
इस मामले में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि विपक्ष ने आदिवासी महिला को बोलने का मौका नहीं देकर उनका अपमान किया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में कहा कि यह वो आवाज है जो देश के करोड़ों शोषित, वंचित, पीड़ित, गरीब और महिलाएं दशकों से सुनना चाहती है और जब विषय महिला और बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित हो तब विपक्ष है कि संसद के सदन में उन्हें बोलने का मौका नहीं देना चाहता।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार विपक्ष संसद की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है और जनहित से जुड़े मुद्दों पर भी राजनीति कर रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। डॉ. भारती पवार आदिवासी क्षेत्र से आती हैं।
उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है। आज वो पहली बार संसद में जवाब देने के लिए खड़ी हुई थीं।
देश को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देना चाहती थीं लेकिन विपक्ष आदिवासी महिला को बोलने न देकर अपमानित कर रहा है।