अगरतला: त्रिपुरा में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के दो जवान शहीद हो गए हैं।
आज सुबह धलाई जिले के छामनु थाना अंतर्गत बीएसएफ के 64 नम्बर बटालियन के आरसी नाथ बीओपी के जवानों पर सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान उग्रवादियों ने हमला कर दिया। तभी बीएसएफ जवानों ने जवाबी फायरिंग की।
मुठभेड़ में बीएसएफ के दो जवान मौके पर ही शहीद हो गए। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने ट्विट करके इस घटना की कठोर शब्दों में निंदा की है।
बीएसएफ त्रिपुरा फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार धलाई जिले के छामनु थाना अंतर्गत बीएसएफ 64 नम्बर बटालियन के आरसी नाथ बीओपी के जवान आज सुबह करीब 6.30 बजे भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रोलिंग कर रहे थे, तभी सशस्त्र उग्रवादियों ने बीएसएफ जवानों पर हमला कर दिया।
बीएसएफ जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की। इसमें बीएसएफ के दो जवान एसआई भूरू सिंह और कांस्टेबल राज कुमार गोली लगने से मौके पर ही शहीद हो गए।
उन्होंने दावा किया कि मौके पर खून के धब्बे देखने से यह पता चलता है कि उग्रवादी भी घायल हुए हैं लेकिन वे भाग निकले। उग्रवादियों को खोजने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
इस घटना की निंदा करते हुए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार ने ट्विट किया और कहा, मैं धलाई जिले में हमारे बीएसएफ जवानों के खिलाफ कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं।
हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारत हमारे वीर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
बीएसएफ ने त्रिपुरा की सीमा से सटे इलाकों में पहले से ही कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। हालांकि इस घटना से राज्य में खलबली मच गई है।
बहुत साल पहले त्रिपुरा ने उग्रवाद का एक काला अध्याय देखा है। एनएलएफटी और एटीटीएफ के उग्रवादियों ने कई निर्दोष लोगों को निशाना बनाया था।
त्रिपुरा के गांव और पहाड़ियां खून से लथपथ होते थे। आज के उग्रवादी हमले ने पुराने दिनों की याद ताजा कर दिया है।