दिल्ली: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ रही हो, लेकिन ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले सरकारों के सामने दिक्कत पैदा कर रहे हैं।
भारत पहले ही ब्लैक फंगस में इस्तेमाल होने वाली दवा लिपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कमी से जूझ रहा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखकर केंद्र ने म्यूकरमाइकोसिस से निपटने में कारगर लिपोसोमल एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सरकार ने दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पांच और कंपनियों को लाइसेंस दिया है, जो इस दवा को बना सकती हैं।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि देश को यह दवा दुनिया में कहीं से भी उपलब्ध कराएं।
पीएम मोदी के निर्देशों के बाद ब्लैक फंगस से जुड़ी दवा की आपूर्ति हासिल करने का काम तेज कर दिया गया है।
खबर है कि ब्लैक फंगस में इस्तेमाल होने वाली दवा को अमेरिका में गिलियड साइंसेज की मदद से हासिल किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक गिलियड साइंसेज अब मिलान के जरिये भारत को एंफोटेरिसिन-बी की आपूर्ति तेजी से करने पर काम कर रहा है।
भारत में अब तक 1,21,000 से ज्यादा शीशियां पहुंचाई जा चुकी हैं, जबकि अन्य 85,000 शीशियां पहुंचने वाली हैं।
कंपनी मिलान के माध्यम से भारत को एंफोटेरिसिन-बी की 10 लाख खुराक की आपूर्ति करेगी।