Prajwal Revanna Sent to SIT custody: जनता दल (S) के सांसद और सेक्स video मामले के मुख्य आरोपी प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को शुक्रवार को 42वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (ACMM) की अदालत में पेश किया गया।
अदालत ने उसे 6 जून तक SIT की हिरासत में भेज दिया।
लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री HD देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं के यौन शोषण (Sexual Exploitation) का कथित वीडियो सामने आने पर कर्नाटक में हंगामा मच गया था।
विशेष लोक अभियोजक (SPP) अशोक नायक ने अदालत से प्रज्वल रेवन्ना को 15 दिनों के लिए SIT की हिरासत में सौंपने की मांग की थी।
नायक ने कहा,” प्रज्वल व्हाट्सएप कॉल कर महिलाओं से कपड़े उतारने को कहता था।”
“Video वायरल होने के बाद वह विदेश भाग गया।”
नायक ने कहा कि सोशल मीडिया पर Video वायरल होने के बाद पीड़िताएं संकट का सामना कर रही हैं। उनके पति उन्हें संदेह की नज़र से देख रहे हैं।
SPP ने दलील दी कि “प्रज्वल रेवन्ना ने अत्याचार करना अपनी आदत बना ली है। उसके मोबाइल फोन में फेस लॉक है और वह गिरफ़्तारी से बचने के लिए देश छोड़कर चला गया।”
उन्होंने कहा, “इस मामले में आजीवन कारावास हो सकता है। मामले में शिकायतकर्ता एक मजदूर है, जबकि आरोपी अमीर और शक्तिशाली है।”
प्रज्वल रेवन्ना के वकील अरुण ने दलील दी कि शुरुआती शिकायत में बलात्कार का आरोप नहीं था।
“शिकायतकर्ता का कोई वीडियो रिकॉर्ड नहीं है। यह चार साल पुराना मामला है। CRPC की धारा 161 के तहत अदालत में पीड़िता के बयान के बाद बलात्कार का आरोप जोड़ा गया। 28 अप्रैल से 2 मई के बीच बलात्कार के आरोप का कोई उल्लेख नहीं था।”
“अभियोजन पक्ष ने मामले को अपनी इच्छानुसार पेश करने के लिए विशेष शब्दों का इस्तेमाल किया है। शुरू में यह मामला जमानती था, अब गैर-जमानती बना दिया गया है। यौन उत्पीड़न के मामले को बलात्कार के मामले में बदल दिया गया है।
अरुण ने अदालत के समक्ष कहा,“महिला अधिकारी को पीड़िता का बयान दर्ज करना चाहिए था, और इसे Video पर रिकॉर्ड किया जाना चाहिए था।”
वकील अरुण ने कहा,“मुझे नहीं पता कि SIT को 15 दिनों की हिरासत की आवश्यकता क्यों है। एक दिन पर्याप्त है, क्योंकि प्रज्वल रेवन्ना जांच में सहयोग को तैयार है।”
इससे पहले, प्रज्वल रेवन्ना का बेंगलुरु के बॉरिंग अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराया गया।