नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के बीच भारत में चौथा सीरो सर्वे शुरू होने वाला है। इसमें कुल 28 हजार सैंपल लिए जाएंगे।
इनमें 14 हजार बच्चे और 14 हजार व्यस्क होंगे। सीरो सर्वे जून में ही शुरू होगा और इसी महीने खत्म भी हो जाएगा।
सर्वे में ग्रामीण इलाकों पर भी जोर होगा। यह सीरो सर्वे आशंकित तीसरी लहर के पहले किया जाएगा ऐसे में ग्रामीण इलाकों और बच्चों पर होने वाले असर के मद्देनजर यह सीरो सर्वे होगा। यह सर्वे आईसीएमआर की अगुवाई में होगा।
आईसीएमआर में एपिडेमियोलॉजी एंड कॉमिनेकेबल डिजीज के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा है कि सीरो सर्वे की फिलहाल प्लानिंग चल रही है।
इसका औपचारिक ऐलान आईसीएमआर के महानिदेशक द्वारा किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सीरो सर्वेक्षण बीमारी की व्यापकता को जानने और बचाव का तरीका है।
सीरो सर्वेक्षण सरकार को यह तय करने में मदद कर सकता है कि कब प्रतिबंधों में ढील दी जाए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय के मुताबिक दिल्ली में जिस तरह से दूसरी लहर के दौरान पॉजिटिविटी रेट में कमी आई उससे ऐसा लग रहा है कि लोगों में अपने आप संक्रमण और एंटीबॉडी विकसित होने से हुई है।
इस साल फरवरी में तीसरे सीरो सर्वे के नतीजे आए थे। इसमें ये पता चला था कि जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा कोरोना की चपेट में है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा था कि 17 दिसंबर से 8 जनवरी तक किए गए सर्वेक्षण में शामिल हुए कुल लोगों में से 21.5 प्रतिशत में पहले हुए कोविड-19 वायरस के संक्रमण के लक्षण मिले।
दिल्ली में सीरो सर्वे में शामिल 56.13 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली थी।