नई दिल्ली: कोरोना के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च पूरे देश में चौथे सीरो सर्वे की तैयारी कर रही है।
सर्वे से ये पता लगाया जाएगा कि अब तक देश की कितनी आबादी कोरोना से संक्रमित हुई है। देशभर में अब तक 3 सीरो सर्वे हो चुके हैं।
ऐसे सर्वे से सरकार को कोरोना के संक्रमण के रोकथाम में मदद मिलती है। आईसीएमआर में के डॉक्टर समीरन पांडा ने कहा है कि सीरो सर्वे की फिलहाल प्लानिंग चल रही है।
इसका औपचारिक ऐलान आईसीएमआर के महानिदेशक द्वारा किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सीरो सर्वेक्षण बीमारी की व्यापकता को जानने और बचाव का तरीका है।
सीरो सर्वेक्षण सरकार को यह तय करने में मदद कर सकता है कि कब प्रतिबंधों में ढील दी जाए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय के मुताबिक दिल्ली में जिस तरह से दूसरी लहर के दौरान पॉजिटिविटी रेट में कमी आई उससे ऐसा लग रहा है कि लोगों में अपने आप संक्रमण और एंटीबॉडी विकसित होने से हुई है।
इस बार का सर्वे अलगडॉक्टर पांडा के मुताबिक इस बार का सीरो सर्वे पहले के मुकाबले थोड़ा अलग तरीके से किया जाएगा। इसकी वजह है कोरोना की वैक्सीनेशन।
दरअसल इन दिनों लोगों में वैक्सीन और वायरस के संक्रमण दोनों से एंटीबॉडी बन रही है। सीरो सर्वे में किसी क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के खून के सीरम की जांच की जाती है।
इस साल फरवरी में तीसरे सीरो सर्वे के नतीजे आए थे। इसमें ये पता चला था कि जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा कोरोना की चपेट में है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा था कि 17 दिसंबर से 8 जनवरी तक किए गए सर्वेक्षण में शामिल हुए कुल लोगों में से 21.5 प्रतिशत में पहले हुए कोविड-19 वायरस के संक्रमण के लक्षण मिले।
दिल्ली में सीरो सर्वे में शामिल 56.13 फीसदी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली हैं थी।