नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए पूरे देश में वोटिंग हो रही है। इस बीच दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने वोट की वैल्यू को लेकर सवाल उठाया।
उनका कहना है कि दिल्ली के एक विधायक व जनप्रतिनिधि के वोट की जो वैल्यू है, वह वर्ष 1971 की जनगणना पर आधारित है।
दिल्ली के एक विधायक की वोट वैल्यू 58 है। इसमें अब संशोधन किया जाना चाहिए। कम से कम 2011 की जनगणना को ही आधार बनाते हुए जनप्रतिनिधियों के वोट का वैल्यू तय होना चाहिए था। यह लोकतंत्र के लिए एक सोचने वाला विषय है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में राष्ट्रपति चुनाव के लिए सुबह 10 बजे से वोटिंग शरू हुई। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत अन्य विधायक अभी तक अपना वोट डाल चुके हैं।
BJP के सभी आठों विधायक एक साथ विधानसभा पहुंचे और उन्होंने अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल किया। दोपहर 12 बजे के करीब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपना वोट डाला।
इसी बीच दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल (President Ram Niwas Goyal) ने कहा कि “दिल्ली में 70 विधायक, 7 लोकसभा सदस्य और तीन राज्यसभा सदस्य हैं।
1971 के बाद हर राज्यों में नए विधानसभा क्षेत्र बने
कुल 80 वोट यहां जनप्रतिनिधि अपना डाल सकते हैं और दिल्ली में एक जनप्रतिनिधि की वोट की वैल्यू 58 मानी जाती है, जो कि 1971 की जनगणना पर आधारित है।
यह ठीक नहीं है। सरकार को इस संबंध में जरूर नई जनसंख्या को आधार बनाते हुए अपडेट करना चाहिए।
1971 के बाद हर राज्यों में नए विधानसभा क्षेत्र बने, नए लोकसभा क्षेत्र बना जनसंख्या बढ़ी, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव जो आज हो रहा है उसमें जनप्रतिनिधियों (Public Representatives) की वोट की वैल्यू होती है वह 1971 के जनसंख्या पर ही आधारित है।”