नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Minister Anurag Thakur) ने शनिवार को कहा कि ‘मीडिया ट्रायल’ को लेकर निजी मीडिया के बारे में जो भी गलत धारणा पैदा हो रही है उसके लिए उन्हें अपने कामकाज के बारे में आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।
ऑल इंडिया रेडियो की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए मनाए जाने वाले उत्सव ‘राष्ट्रीय प्रसारण दिवस’ के अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज जब लोग निष्पक्ष समाचार सुनना चाहते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से आकाशवाणी और दूरदर्शन समाचारों को देखते हैं।
देश के 92 प्रतिशत भूगोल और 99 प्रतिशत जनता तक आकाशवाणी (Aakashwani) की पहुंच है और यह एक प्रशंसनीय उपलब्धि है।
ठाकुर ने कहा कि कुछ लोगों ने अनुमान लगाया था कि टेलीविजन और बाद में इंटरनेट के आगमन के साथ रेडियो का अस्तित्व संकट में होगा।
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के अवसर पर दर्शकों को अपनी शुभकामनाएं दीं
ऐसे समय में रेडियो (radio) ने न केवल अपने दर्शकों की पहचान की और बल्कि इसकी प्रासंगिकता और विश्वसनीयता को भी बनाए रखा।
ठाकुर ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के सार को प्रदान करने में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से शिक्षा प्रणाली में कई क्षेत्रीय स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका को भूला दिया गया।
ऐसे में रेडियो और दूरदर्शन ने देश के दूर-दराज के कोने-कोने से पांच सौ से अधिक गुमनाम नायकों के स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle) में योगदान का जश्न मनाते हुए इसे राष्ट्र के सामने पेश किया।
इस अवसर पर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन ने राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (National broadcasting day) के अवसर पर दर्शकों को अपनी शुभकामनाएं दीं।