Rahul Gandhi took Oath as a Member of Parliament : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार शाम लोकसभा में बतौर संसद सदस्य शपथ ली।
शपथ लेते समय Rahul Gandhi के हाथ में संविधान की प्रति थी। इस दौरान कांग्रेस सांसदों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की और ‘भारत जोड़ो’ के नारे लगाये।
उन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली और इस दौरान संविधान की प्रति भी दिखायी। शपथ लेने के उपरांत राहुल गांधी ने ‘जय हिंद, जय संविधान’ कहा।
Rahul Gandhi के शपथ लेने के दौरान कांग्रेस सांसदों ने टेबल थपथपाकर उनका स्वागत किया। राहुल गांधी के बाद अमेठी से सांसद चुने गये कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने लोकसभा में संसद सदस्य की शपथ ली। इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ ली।
राहुल और किशोरी लाल शर्मा के शपथ लेने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत खुशी हुई, राहुल को शपथ लेते हुए देखकर अच्छा लगा। किशोरी लाल शर्मा और इमरान ने भी शपथ ली। यह देखकर मुझे प्रसन्नता हुई।
इससे पहले सोमवार को भी कांग्रेस के कई सांसदों ने हाथ में संविधान की प्रति लेकर लोकसभा में संसद सदस्यता की शपथ ली थी।
अंबाला से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने हाथ में संविधान की प्रति लेकर शपथ ली। रकीबुल हुसैन जो कि असम की धुबरी से चुने गये हैं, उन्होंने भी लोकसभा सदस्य की शपथ लेते समय हाथ में संविधान की प्रति रखी। इसी तरह झारखंड की लोहरदगा सीट से कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने भी हाथ में संविधान की प्रति लेकर शपथ ली।
गौरतलब है कि इस बार राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट (Wayanad seat) से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह दोनों ही सीटों से चुनाव जीते हैं।
उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी है। यह 18वीं लोकसभा का पहला सत्र है। पहले ही सत्र में सरकार व विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति भी बनी हुई है। अध्यक्ष पद को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच यह दूरियां स्पष्ट हो गयी हैं।
विपक्ष का कहना है कि वह लोकसभा अध्यक्ष पद पर सरकार का समर्थन करने को तैयार था, लेकिन सरकार बदले में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दे। ऐसा न होने पर अब विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस सांसद के सुरेश को उम्मीदवार बनाया गया है।
राहुल गांधी के मुताबिक, विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्ता पक्ष का समर्थन करने को राजी था। उन्होंने कहा कि हमने सभी लोगों से बात की। पूरे विपक्ष ने कहा कि हम लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को समर्थन करेंगे, लेकिन शर्त यह है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। यह परंपरा रही है और पहले की सरकारों में ऐसा हुआ है।