Rahul Reached Smong the Workers: लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद विपक्ष का हौसला बुलंद है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उसे लीड कर रहे हैं।
अब वह नेता प्रतिपक्ष हैं, लेकिन चुनाव के पहले से उन्होंने जो स्वभाव अपनाया है, वह आज भी कायम है। वह गरीब और पीड़ित लोगों के साथ हमेशा खड़े दिखते हैं।
भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा के द्वारा लोगों का दिल जीत चुके राहुल अब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बन गए हैं लेकिन उनके स्वभाव में जरा भी बदलाव नहीं दिखा है।
वे लोगों का दुख दर्द जानने के लिए अक्सर उनके बीच पहुंच जाते हैं। संसद का सत्र खत्म होते ही वे दिल्ली में मजदूरों के साथ उनके अनुभव और समस्याएं जान रहे थे। शुक्रवार को हाथरस (Hathras) पहुंचे भगदड़ की घटना में मारे गये लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उनका दर्द समझा।
यदि गरीब, मजदूर, पीड़ित और शोषित व्यक्ति को राहुल गांधी से उम्मीद दिख रही है, तब यह कांग्रेस के लिए शुभ संकेत है। प्रधानमंत्री भले राहुल गांधी को बालक बुद्धि कहें लेकिन वे हाथरस घटना के पीड़ित परिवारों से मिलने वाले पहले नेता हैं।
राहुल गांधी जिस तरह आम लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को उभार रहे हैं और गरीबों तथा मजदूरों की हालत को दर्शा रहे हैं उससे मोदी सरकार के उन दावों पर भी सवाल उठता है जिसके तहत बताया जा रहा है कि गरीबों और वंचितों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है।
दिल्ली में मजदूरों के साथ बातचीत कर Rahul Gandhi ने कहा कि इन श्रमिकों को सम्मान दिलाना उनकी जिंदगी का मिशन है, तब इससे देश भर के मजदूरों के मन में नई उम्मीद जगी है।
राहुल गांधी जब हाथरस पहुँचे, तब राहुल गांधी से मिल कर लोग फफक फफक कर रो रहे थे। शुक्रवार को जो दृश्य दिखे वैसे दृश्य दो दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथरस दौरे के दौरान नहीं दिखे थे।
तब प्रशासन के लोगों से मुख्यमंत्री की बातचीत, घायलों से मुख्यमंत्री की मुलाकात और मुख्यमंत्री की Media वार्ता ही सुर्खियों में रही लेकिन आज Rahul Gandhi के हाथरस पहुंचने पर उन परिवारों का असली दर्द देश के सामने आया। राहुल गांधी ने उनके दर्द पर मरहम लगाया।